चंडीगढ़ः हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला देश की सभ्यता और संस्कृति का ध्वजवाहक है, ऐसे मेले देश की आर्थिक आत्मनिर्भरता में भी अहम योगदान देते हैं. वे बुधवार को अपनी माता एवं विधायक नैना चौटाला के साथ सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला में हस्तशिल्पियों द्वारा निर्मित वस्तुओं का अवलोकन कर रहे थे. इस अवसर पर महिला एवं विकास राज्य मंत्री कमलेश ढांडा, राजस्व राज्य मंत्री अनूप धानक भी मौजूद रहे.


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डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हम सबको देश के शिल्पकारों द्वारा बनाई गई वस्तुओं पर गर्व करना चाहिए और उनके द्वारा बनाए गए उत्पादों को प्राथमिकता देनी चाहिए. ऐसा करके हम अपने क्षेत्र के शिल्पकारों तथा लघु उद्यमियों की मदद कर सकते हैं. दुष्यंत चौटाला ने यहां देश-विदेश के हस्तशिल्प कलाकारों की कल्पनाओं से सराबोर कलाकृतियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि मानव सभ्यता के विकास में हस्तशिल्प और हथकरघा का महत्वपूर्ण योगदान है.


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उन्होंने कहा कि सदियों से सम्राटों और राजाओं की मुद्राओं से लेकर गरीब की झोंपड़ी तक में उपयोग होने वाली वस्तुओं के निर्माण में शिल्पियों का हूनर नजर आता है. इसलिए शिल्पियों को ‘विश्व -सभ्यता के शिल्पी’ भी कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी. इन कलाओं को आधुनिक युग में भी उतना ही पसंद किया जाता है, जितना प्राचीन काल में किया जाता था. इस तरह के मेले शिल्पकारों को अपनी पसंद व कला के आदान-प्रदान का अवसर प्रदान करते हैं.


उन्होंने कहा कि यह मेला परंपरा, विरासत और संस्कृति की त्रिवेणी है, जो भारत के ही नहीं, बल्कि दुनिया-भर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इस तरह के मंच से साधारण शिल्पकार और कारीगर को अपने हुनर की सही कीमत और पहचान मिल जाती है. अनेक शिल्पकारों, कारीगरों और बुनकरों के लिए यह मेला वर्षभर की उनकी आय का प्रमुख स्रोत होता है.