Swati Maliwal Assault Case: दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आवास पर AAP सांसद स्वाति मालीवाल से कथित मारपीट मामले गिरफ्तार विभव कुमार की जमानत याचिका पर दिल्ली की तीसहजारी कोर्ट के रूम नंबर- 119 में सुनवाई हुई. कोर्ट में स्वाति मालीवाल भी मौजूद रहीं. उन्होंने बिभव की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि इनसे मुझे और मेरे परिवार को खतरा है.


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एन हरिहरन ने पेश की दलीलें
बिभव की ओर से एडवोकेट एन. हरिहरन ने दलीलें पेश कीं. उन्होंने कहा, स्वाति के पास सीएम से मिलने का अपॉइंटमेंट नहीं था. वो जबरन घर में आकर ड्राइंगरूम में बैठ गईं. क्या सीएम के आधिकारिक आवास पर इस तरह से आना सही है. वो सासंद हैं इसका मतलब ये नहीं कि वो कुछ भी कर सकती हैं. स्वाति मालीवाल ने सुरक्षाकर्मियों से कहा था कि सांसद को बाहर इंतजार कराओगे. मैं वेटिंग एरिया में बैठ रही हूं. आप विभव से बात करो. 5 मिनट बाद वेटिंग रूम से निकलकर पूछा कि अभी तक बिभव नहीं आएं? और वो सीएम हाउस की ओर जाने लगीं. सुरक्षाकर्मियों ने अनुरोध किया कि आप यहीं इंतजार करिए.


स्वाति मालीवाल सीएम आवास पर क्यों गईं.
उनके वकील ने दलील देते हुए कहा, स्वाति मालीवाल को मुख्यमंत्री आवास पर क्यों आई थीं. क्या वो अपने मन में कुछ सोचकर आई थीं. जिस वक्त ये घटना हुई, वहां प्रोटोकॉल ऑफिसर मौजूद थे, सुरक्षा कर्मी मौजूद थे. स्वाति का आरोप है कि उन्हें 7-8 बार मारा गया. क्या ऐसी घटना ऐसी जगह पर संभव है? स्वाति मालीवाल का उस दिन ही मेडिकल परीक्षण नहीं हुआ. कायदे से तो उसी दिन होना चाहिए थी. आसपास बहुत से दिल्ली सरकार के हॉस्पिटल थे पर उन्होंने जांच के लिए 3-4 दिन बाद एम्स ले जाया गया.


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स्वाति मालीवाल ने बताया जान का खतरा
सुनवाई के दौरान स्वाति मालीवाल रोने लगीं. उन्होंने कहा, जैसे ही मैंने FIR दर्ज कराई उनके नेताओं ने एक दिन में कई-कई बार प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मुझे बीजेपी का एजेंट कहा. मुख्यमंत्री बिभव को लेकर मुंबई, लखनऊ लेकर गए. इनके पास ट्रोलिंग की पूरी फौज है. पार्टी के नेताओं से कहा गया कि जो स्वाति मालीवाल को स्पोर्ट करेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा. बिभव कोई आम आदमी नहीं है. जो सुविधा किसी मंत्री भी उपलब्ध नहीं है, वो बिभव को हासिल है. अगर बिभव को जमानत मिलती है, वो बाहर आता है तो मुझे और मेरे परिवार की जान को खतरा है. सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. 4 बजे मामले में फैसला आएगा.