Panipat News: केंद्र सरकार मौजूदा वक्फ एक्ट में संशोधन की तैयारी में है. केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड में संसोशन के लिए इसी सत्र में नया बिल ला सकती है, जिसमें लगभग 40 संशोधन किए जा सकते हैं. वक्फ एक्ट में संशोधन की अटकलों के बीच इसे लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. हरियाणा हज कमेटी के पूर्व चेयरमैन डॉ. मुनीष अहमद अंसारी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि धर्म के आधार पर कानून का बदलाव करना गलत है. अगर जनता के हित में कोई बदलाव होता है तो इसमें बुराई नहीं है. 


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वक्फ बोर्ड की जमीन को लेकर बदलाव
केंद्र सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड में किए जाने वाले बदलाव में सबसे अहम फैसला जमीन को लेकर है. दरअसल, रेलवे और सशस्त्र बल के बाद देश में सबसे ज्यादा जमीन पर मालिकाना हक रखने वाली संस्था वक्फ बोर्ड है. अभी वक्फ के पास किसी भी जमीन को अपनी संपत्ति घोषित करने की शक्ति है, जिस पर रोक लग सकती है. साथ ही वक्फ बोर्ड की विवादित जमीनों का नए सिरे से सत्यापन भी संशोधन में जोड़ा जा सकता है.


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हरियाणा हज कमेटी के पूर्व चेयरमैन डॉ. मुनीष अहमद अंसारी से Zee Media से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि धर्म के आधार पर बदलाव गलत है. अगर जनता के हित में कोई बदलाव होता है तो उसमें बुराई नहीं है. इस दौरान उन्होंने बताया कि 1965 में वक्फ का बोर्ड का गजट एक था, लेकिन 1965 के बाद वक्फ बोर्ड के एक्ट में बदलाव हुआ. 


वक्फ बोर्ड में खामियां
अंसारी ने कहा कि वक्फ बोर्ड की कमियों के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड सही तरीके से काम नहीं कर रहा है. इससे लोगों को जो लाभ मिलना चाहिए वो नहीं मिल पा रहा. वक्फ बोर्ड में अफसरशाही ज्यादा भारी है. उन्होंने बताया कि लगभग 22 हजार हेक्टेयर जमीन वक्फ बोर्ड की है, जिसका वक्फ बोर्ड को कोई किराया भी नहीं मिल पा रहा है. इसका सबसे बड़ा कारण वक्फ बोर्ड की नीतियों में खामियां हैं. उन्होंने कहा कि कोई एक्ट सामाजिक ढांचे के ताने-बाने को खराब कर रहा हो तो बदलाव होना चाहिए. हम उनका स्वागत करते हैं. 


धर्म के आधार पर बदलाव
अंसारी ने  कहा कि देश का दुर्भाग्य है कि बदलाव को धर्म के आधार पर सोचा जा रहा है. उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड भी संविधान कि रचना का एक अंग है. इस दौरान उन्होंने वक्फ बोर्ड की मजिस्ट्रेट द्वारा निगरानी पर भी आपत्ति जताई. 


कांवड़ियों पर फूल और दूसरे धर्मों की अनदेखी
डॉ मुनीष अहमद अंसारी ने कहा कि हिंदू धर्म व गीता की जानकारी ज्यादा होने की वजह से जहां कांवड़ियों पर फूल बरसाए जाते हैं, वहीं दूसरी तरफ दूसरे धर्म के लोगों की अनदेखी होती है. एक धर्म के खिलाफ विशेष प्रोपगेंडा चलाया जाता है. उन्होंने कहा कि भाजपा को इससे कोई लाभ नहीं होने वाला है. 


Input- Rakesh Bhayana