Nayab Singh Saini News: अगर अकोला की तरह Karnal By Poll की अधिसूचना होती है रद्द तो क्या होगा?
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Nayab Singh Saini News: अगर अकोला की तरह Karnal By Poll की अधिसूचना होती है रद्द तो क्या होगा?

Karnal By Poll News: हरियाणा के फरीदाबाद से विधायक नीरज शर्मा ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर ये बात कही थी कि अगर करनाल विधासनसभा सीट पर उपचुनाव कराए जाते हैं तो ये पैसों की बर्बादी होगी. कानून के मुताबिक अगर विधानसभा कार्यकाल पूरे होने में एक साल से कम बचा होता है, वहां पर उपचुनाव नहीं होता है.

Nayab Singh Saini News: अगर अकोला की तरह Karnal By Poll की अधिसूचना होती है रद्द तो क्या होगा?

Haryana Karnal Bypoll: महाराष्ट्र के अकोला वेस्ट विधानसभा सीट पर 26 अप्रैल को होने वाले उपचुनाव की अधिसूचना को बॉम्बे हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है. कोर्ट ने लोक प्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 151-ए का हवाला देते हुए अपना फैसला सुनाया. धारा 151-ए कहती है कि विधान सभा में सीट खाली होने से लेकर 6 महीने के भीतर उपचुनाव कराने होंगे बशर्ते किसी किसी खाली सीट का शेष कार्यकाल एक वर्ष या उससे अधिक बचा हो. हम आपको ये क्यों बता रहे हैं, अब वो जान लेते हैं. दरअसल, हरियाणा के करनाल उपचुनाव के होने को लेकर संशय के बादल मंडराने लगे हैं.

मनोहर लाल के इस्तीफे के बाद सीट खाली
दरअसल, हरियाणा के सीएम पद से इस्तीफे और उनकी जगह नायब सिंह सैनी के मुख्यमंत्री बनने के बाद मनोहर लाल ने 13 मार्च को करनाल विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था. इसी सीट पर उपचुनाव के लिए नायब सिंह सैनी को बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया है. चुनाव आयोग ने 16 मार्च को अधिसूचना जारी की थी कि 25 मई को लोकसभा चुनाव के साथ ही करनाल सीट पर उपचुनाव भी होगा. बता दें कि सीएम बनने से पहले नायब सिंह सैनी करनाल सीट से सांसद थे, लेकिन सीएम बनने के बाद उन्हें 6 महीने के भीतर विधानसभा का सदस्य बनना संविधान के मुताबिक अनिवार्य है.

कांग्रेस विधायक ने CEC से की शिकायत
हरियाणा विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 3 नवंबर को खत्म हो रहा है, जिसमें 1 साल से कम समय बचा हुआ है. इसी को आधार बनाकर फरीदाबाद से कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने 27 मार्च को मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने बॉम्बे हाइकोर्ट के अकोला सीट पर सुनाए फैसले का हवाला दिया है. उन्होंने कहा कि हरियाणा में एक वर्ष से कम कार्यकाल के लिए उपचुनाव कराना पैसों की बर्बादी है.

अगर उपचुनाव नहीं हुआ तो क्या होगा?
अब अगर अकोला की तरह ही करनाल विधानसभा सीट पर उपचुनाव की अधिसूचना भी रद्द करनी पड़ी तो नायब सिंह सैनी को सीएम के पद पर बने रहने में अड़चन पैदा हो सकती है. अब जान लें उनके पास विकल्प क्या होंगे? नायब सिंह सैनी के पास दो ऑप्शन हैं. पहला, राज्य सरकार समय से पहले विधानसभा को भंग करवा दे और दूसरा, नायब सिंह सैनी 6 महीने पूरे होने से पहले सीएम पद से इस्तीफा दे दें और दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ले लें.

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