नई दिल्ली: Whatsapp और Facebook को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. इनकी नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI- Competition Commission of India) की जांच जारी रहेगी. दोनों ने पॉलिसी की वैधता को लेकर सुप्रीम कोर्ट  में लंबित सुनवाई का हवाला देकर CCI की ओर से आदेश पास करने पर रोक की मांग की थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा आदेश पास करने से इंकार कर दिया है.
 
SC ने की याचिकाएं खारिज
Supreme Court ने याचिकाएं खारिज करते कहा कि  CCI अपने आप में एक स्वतंत्र संस्था है, अगर वो कंपटीशन एक्ट के उल्लंघन को लेकर जांच कर रहा है, तो इस जांच को रोका नहीं जा सकता. इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने भी वाट्सऐप और फेसबुक की अर्जी खारिज करते हुए प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर CCI की जांच पर रोक लगाने से इंकार कर दिया. दोनों ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.


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वकील की दलील
आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मेटा की ओर से कपिल सिब्बल (Kapil Sibbal) पेश हुए. कपिल सिब्बल ने कहा कि वाट्सऐप की  नई प्राइवेसी पॉलिसी की वैधता का मसला सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के सामने पेंडिंग है. संविधान पीठ जनवरी में सुनवाई करने वाली है. वहीं संसद के शीतकालीन सत्र में डेटा प्रोटेक्शन बिल रखे जाने की संभावना है. ऐसी सूरत में अभी CCI को अंतिम आदेश पास करने से बचना चाहिए.


 


CCI की जांच पर रोक नहीं
इस मामले पर जस्टिस एम आर शाह ने कहा कि CCI अपने आप में स्वतंत्र संस्था है. उनकी कार्यवाही पर ऐसे रोक नहीं लगाई जा सकती. सिब्बल ने साफ किया कि वो जांच रोकने की मांग नहीं कर रहे, सिर्फ इतना चाहते हैं कि अभी आयोग अंतिम आदेश पास न करें.  हालांकि जस्टिस एम आर शाह ने इससे इंकार करते हुए कहा कि हम नहीं जानते कि CCI की जांच का क्या नतीजा निकलेगा. आप CCI के पास जाइये, उनके सामने अपनी बात रखिए. सुनवाई के दौरान CCI की ओर से ASG एन वेंकटरमन ने कहा कि  सुप्रीम कोर्ट में लंबित सुनवाई के CCI की जांच से कोई सम्बंध नहीं है.


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CCI की जांच का दायरा


दरअसल वाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी में यूजर्स का डाटा फेसबुक और उसकी दूसरी कंपनियों से साझा कर सकता है. सीसीआई का मानना हैं कि इस तरह का डाटा फेसबुक को दूसरी कंपनियों पर गैरवाजिब बढ़त देगा और प्रतिस्पर्धा में आगे रखेगा. इसको लेकर CCI जांच कर रहा है.