Manish Sisodia Under CBI Custody: शराब घोटाला मामले में दिल्ली राऊज एवेन्यू कोर्ट में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को पेश किया, जिसमें कोर्ट ने डिप्टी सीएम को 5 दिन की CBI की  हिरासत में भेजा और 4 मार्च को कोर्ट में पेश किया जाएगा.  बता दें कि आबकारी नीति 2021-22 को बनाने और लागू करने में कथित भ्रष्टाचार के मामले में मनीष सिसोदिया को कल यानी 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था. चलिए आपको बताते हैं कि जब किसी आरोपी को CBI गिरफ्तार करती है तो उसे कहां , कब और कैसे रखा जाता है. CBI सूत्रों के मुताबिक आपको उसकी पूरी जानकारी देते हैं. 


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जब आरोपी को CBI गिरफ्तार करती है तो उसे कहां, कब और कैसे रखा जाता है: 


आरोपी को कहा रखा जाता है?  (Where is the accused kept by CBI)
CBI मुख्यालय के बेसमेंट में बनी लॉकअप में आरोपी को रखा जाता है.


आरोपी पर किस तरह से निगरानी रखी जाती है? (How is the accused monitored by CBI) 
लॉकअप में CCTV लगा होता है, जिससे आरोपी पर निगरानी रखी जाती है और CISF का एक स्टाफ लॉकअप के गेट पर 24 घंटे के लिए तैनात किया जाता है. 


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CBI की लॉकअप में आरोपी जमीन पर सोता है या बेड पर? ( does accused sleep on ground or on bed in CBI Lockup)
CBI की लॉकअप में कोई बेड नहीं होता आरोपी जमीन पर ही सोता है.


क्या आरोपी का रोज मेडिकल टेस्ट किया जाता है? (Is daily medical test of accused done)
24 घण्टे में एक बार आरोपी का मेडिकल टेस्ट होता है और मेडिकल से पहले लंच दिया जाता है.
 
आरोपी को लॉकअप में कितने बजे उठना पड़ता है? (At what time accused has to wake up in lockup)
आरोपी को सुबह 7 बजे उठाया जाता है और 8 बजे नाश्ता में चाय, बिस्कुट, ब्रेड दिया जाता है. 


लॉकअप में आरोपी को कितने बजे खाना दिया जाता है? (At what time food is given to accused in the lockup)
अमूमन सीबीआई जब किसी आरोपी को गिरफ्तार करती है तो उस आरोपी को 7 बजे से 8 बजे तक लॉकअप में भेजकर डिनर दे दिया जाता है, जिसमे दाल, रोटी और सब्जी होती है. इस खाने को लॉकअप में रख दिया जाता है और जब आरोपी का मन होता है तब वो खा लेता है. 


क्या रात में आरोपी को लॉकअप में भेजने के बाद पूछताछ की जाती है? (Is interrogation done after sending accused to the lockup at night)
अक्सर आरोपी को रात में 8 बजे के बाद लॉकअप में भेज दिया जाता है. अगर जरूरत पड़ती है तो आरोपी से रात में 8 बजे के बाद भी पूछताछ की जा सकती है, जिसके लिए आरोपी को लॉकअप से निकालकर अलग रूम में ले जाकर केस का IO पूछताछ करता है.