World Environment Day 2022: दूषित हवा और पानी से होती हैं ये बीमारियां, ऐसे रहें सुरक्षित?
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World Environment Day 2022: दूषित हवा और पानी से होती हैं ये बीमारियां, ऐसे रहें सुरक्षित?

पिछले कई सालों से पर्यावरण को गंभीर रूप से क्षति पहुंच रही है. लगातार बढ़ते रसायनों-कीटनाशकों के उपयोग से हवा, पानी और भोजन को पूरी तरह से दूषित कर दिया है. इतना ही नहीं पर्यावरण में बढ़ती दिक्कतों ने हमारी सेहत को काफी रूप से कई परेशानी पहुंचाई है.

World Environment Day 2022: दूषित हवा और पानी से होती हैं ये बीमारियां, ऐसे रहें सुरक्षित?

World Environment Day 2022: पिछले कई सालों से पर्यावरण को गंभीर रूप से क्षति पहुंच रही है. लगातार बढ़ते रसायनों-कीटनाशकों के उपयोग से हवा, पानी और भोजन को पूरी तरह से दूषित कर दिया है. इतना ही नहीं पर्यावरण में बढ़ती दिक्कतों ने हमारी सेहत को काफी रूप से कई परेशानी पहुंचाई है. स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट की मानें तो जल-वायु प्रदूषण के कारण पिछले एक दशक में कई तरह की गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के मामले काफी अधिक बढ़ गए हैं, जिसकी वजह से लोगों में तंत्रिका विकारों के साथ कैंसर जैसे कई तरह की गंभीर रोगों के मामले काफी बढ़ने लगे हैं.

प्रदूषण के कारण सामने आए मौत के इतने मामले

वैज्ञानिकों ने अपनी रिपोर्ट में पाया कि हर तरह के प्रदूषण की वजह से साल 2019 में लगभग 9 मिलियन यानी 90 लाख मौतें अभी तक हो चुकी है. यह दुनिया में होने वाली हर छह में से एक की मौत के बराबर है और साथ ही भारत में भी स्थिती काफी चिंताजनक है. द लैंसेट में प्रकाशित हुई रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019 में जहरीली हवा ने 1.67 मिलियन भारतीयों की जान ली थी और इस साल होने वाली कुल मौतों का 18 फीसदी है.

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पानी से होने वाले रोग

यह तो आप सभी जानते हैं कि जल प्रदूषण, वैश्विक स्तर पर कई सालों से गंभीर समस्या बना हुआ है. WHO की रिपोर्ट के मुताबिक विश्व स्तर पर 2 बिलियन से अधिक लोग दूषित पेयजल स्रोत का उपयोग करने को मजबूर है. दूषित पेयजल कई तरह की बीमारियों का कारण बन चुका है. दूषित पेयजल से हैजा, दस्त, पेचिश, हेपेटाइटिस A, टाइफाइड और पोलियो जैसी बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है.

वायु से होने वाले रोग

वायु प्रदूषण को लेकर WHO ने अपनी रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि वायु प्रदूषण के कारण हर साल 4.2 मिलियन लोग समय से पहले मौत के शिकार हो जाते हैं. इससे होने वाली सबसे आम बीमारियों में इस्केमिक हृदय रोग, स्ट्रोक, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD), फेफड़ों का कैंसर और बच्चों में अक्यूट लोअर रेस्पोरेटरी इंफेक्शन हैं. इतना ही नहीं वायु प्रदूषण की वजह से मस्तिष्क को रक्त की कमी हो सकती है, जो स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकती है.

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जानें, क्या कहती है वैज्ञानिक रिपोर्ट?

आपको बता दें कि वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और अन्य प्रदूषणों के कारण स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पढ़ते जा रहे हैं. इसी के साथ पर्यावरण को हो रहे नुकसान को कम करके खतरों से बचाव करना बहुत जरूरी है. इसी के साथ जल-थल की स्वच्छता को ध्यान में  रखते हुए पेड़ लगाने से इस तरह के खतरे को कम किया जा सकता है.

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