Wrestlers Protest: भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और रेसलर्स के बीच शुरू हुए विवाद के बाद अब हरियाणा में पहलवानों के बीच जंग शुरू हो गई है. दरअसल, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट समेत 6 पहलवानों को आगामी मुकाबलों में ट्रायल में छूट दी गई है, जिसके बाद योगेश्वर दत्त ने इसपर नाराजगी जताई है.  योगेश्वर दत्त के इस पर आपत्ति जताने के बाद से विनेश फोगाट और योगेश्वर दत्त के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है. वहीं अब इस मामले में जूनियर खिलाड़ियों के परिजनों का भी गुस्सा फूट पड़ा है, उनकी तरफ से भी खिलाड़ियों को मिलने वाली छूट का विरोध किया जा रहा है. 


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जंतर-मंतर भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरने पर बैठे 6 पहलवानों को कुश्ती ट्रायल में एडहॉक कमेटी द्वारा छूट दिए जाने के बाद इसका विरोध शुरू हो गया है. योगेश्वर दत्त के बाद अब अंतरराष्ट्रीय  जूनियर खिलाड़ी और उनके परिजन भी इन 6 खिलाड़ियों को मिली छूट के विरोध में उतर आए हैं. खिलाड़ी और उनके परिजनों ने साफ कहा है कि धरने पर बैठने का इनका मकसद दुनिया के सामने साफ हो चुका है. यह जूनियर खिलाड़ियों का हक मारना चाहते हैं, यह सब ना तो कुश्ती के हितैषी हैं और ना ही कुश्ती खिलाड़ियों के. इसके साथ ही कुश्ती खिलाड़ियों और उनके परिजनों ने इस छूट के खिलाफ लड़ने का फैसला किया है.


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मैदान पर पसीना बहा रहे नेशनल और इंटरनेशनल कुश्ती खिलाड़ी धरने पर बैठे छह खिलाड़ियों के विरोध में उतर आए हैं, उन्होंने कुश्ती फेडरेशन की एडहॉक कमेटी से सवाल किया है कि आखिर कमेटी बताएं कि इनको किस आधार पर छूट दी गई है. अगर ऐसे ही चलता रहा तो आने वाले समय में कुश्ती खिलाड़ियों का भविष्य क्या होगा? इस पर सवाल उठना लाजमी है. खिलाड़ियों का कहना है की एक खिलाड़ी 4-5 कुश्ती लड़ने के बाद फाइनल में पहुंचेगा और यह 6 खिलाड़ी सिर्फ एक कुश्ती लड़ेंगे आखिर ऐसा क्यों? सभी लोग पसीना बहाते हैं, मेहनत करते हैं, सिर्फ इसलिए कि वह भी कुश्ती के क्षेत्र में कोई मुकाम हासिल करें, लेकिन यह खिलाड़ी किसी को भी आगे आना नहीं देखना चाहते. बृजभूषण के खिलाफ धरने की पोल दुनिया के सामने खुल गई है. साफ हो गया है कि आखिर इनका मकसद क्या था.


अपने बच्चों पर पानी की तरह पैसा बहाने वाले और उनके साथ मेहनत करने वाले कुश्ती खिलाड़ियों के परिजनों का भी इस फैसले के खिलाफ गुस्सा सातवें आसमान पर है. परिजनों ने साफ कह दिया है कि यह नियम कुश्ती के खिलाफ हैं और इसके खिलाफ लड़ाई अवश्य लड़ेंगे. उन्होंने कमेटी से ये सवाल भी किया है कि आखिर इनको ट्रायल में छूट किस आधार पर दी गई है? अगर आंदोलन पर बैठकर ही छूट मिलती हो तो सभी खिलाड़ी आंदोलन पर बैठ जाएंगे और वह सीधे चैंपियनशिप में चले जाएंगे. बजरंग पुनिया और इन लोगों का समय निकल गया है, इसलिए यह शॉर्टकट रास्ता अपना रहे हैं. यह लोग सिर्फ अपने लिए धरने पर बैठते हैं और अपना काम निकालते हैं. परिजनों का कहना है कि वह अपने बच्चों पर पैसा और मेहनत इसलिए करवाते हैं ताकि वह एक दिन ओलंपिक खेल में अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप खेलें, लेकिन यह 6 खिलाड़ी दूसरे खिलाड़ियों का हक मारने की कोशिश कर रहे हैं. 


Input- Raj Takiya