Wrestlers Protest at Jantar Mantar Live Update: एक बार फिर देश के दिग्गज रेसलर्स ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह  (WFI Cheif Brijbhushan Sharan) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया हैं. रविवार शाम 4 बजे प्रेस कांफ्रेंस करते हुए विनेश ने न्याय की मांग की और फिर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. विनेश ने कहा कि वह कुश्ती परिवार को बचाने के लिए धरना दे रही है और इसके लिए वह जंतर-मंतर पर मर भी सकती है. इस दौरान रेसलर्स ने बृजभूषण शरण पर FIR की मांग की.


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शाम 4 बजे से धरने पर रेसलर्स
रविवार शाम 4 बजे से धरने पर बैठे रेसलर्स ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर ही रात गुजारी. वह लगभग 15 घंटे से प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं अभी तक किसी ने भी रेसलर्स से मिलने की कोशिश नहीं की है. प्रदर्शन कर रहे बजरंग पुनिया ने इस बार राजनीतिक दलों से परहेज नहीं करने की बात कही है. उन्होंने कहा की पिछली बार जो गलतियां हुई हैं, उन्हें इस बार नहीं दोहराएंगे. जो भी आएगा सबका स्वागत है.
 
आज बड़ी संख्या में पहुंचेंगे पहलवान
पहलवानों के प्रदर्शन का आज दूसरा दिन है, ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि आज भी देशभर से कई दिग्गज रेसलर्स इस प्रदर्शन में शामिल होने के लिए पहुंच सकते हैं. 


पहलवान साक्षी मलिक ने कहा कि इंतजार करते-करते ढाई महीने हो गए हैं, वहीं जांच कमेटी की रिपोर्ट के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि रिपोर्ट सबमिट हुई है या नहीं हमें नहीं पता है. जो भी रिपोर्ट है सबके सामने आनी चाहिए. 


क्या है पूरा मामला
18 जनवरी को विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता विनेश फोगाट सहित कई दिग्गज रेसलर्स ने दिल्ली के जतंर-मंतर पर इकट्ठा होकर भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर पहलवानों के यौन शोषण और उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप लगाया. विनेश के इस खुलासे के बाद से देश भर में हंगामा मच गया. खेल मंत्रालय ने पहलवानों के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए कुश्ती संघ को नोटिस भेजा और 72 घंटे में आरोपों के जवाब देने के लिए कहा. इतना ही नहीं इस नोटिस का जवाब न देने पर कुश्ती संघ के खिलाफ कार्रवाई की भी चेतावनी दी गई.


भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने रेसलर्स के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए बड़ा फैसला लिया और WFI प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए सात सदस्यीय कमेटी गठित की. इस कमेटी की अध्यक्षता मैरी कॉम करेंगी और अलकनंदा अशोक उपाध्यक्ष थीं. कमेटी के सदस्यों में डोला बनर्जी, योगेश्वर दत्त, सहदेव यादव और 2 अधिवक्ताओं के नाम शामिल किए गए.