Vinesh Phogat Tweet: विनेश फोगाट ने अब योगेश्वर दत्त के खिलाफ अपना मोर्चा खोला है. उन्होंने आज ट्वीट कर योगेश्वर दत्त के ऊपर कई गंभीर आरोप लगाए. विनेश फोगाट ने कहा कि वो पहलवानों और कोचों को महिला पहलवानों के धरने में शामिल होने से लगातार रोक रहा था. इसके साथ ही विनेश फोगाट ने कहा कि योगेश्वर दत्त ने महिला पहलवानों के घर फोन कर कह रहा था कि अपनी लड़कियों को समझा लो. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पहलवानों को धमकाना
विनेश फोगाट ने कहा कि योगेश्वर दत्त का वीडियो सुना तो उसकी वह घटिया हंसी दिमाग में अटक गई. वह महिला पहलवानों के लिए बनी दोनों कमेटियों का हिस्सा था, जब कमेटी के सामने महिला पहलवान अपनी आपबीती बताती थीं तो वह बहुत घटिया तरह से हंसने लगता. इसके बाद जब 2 महिला पहलवान पानी पीने के लिए बाहर आयीं तो बाहर आकर उनको कहने लगा कि 'कुछ ना हो बृजभूषण का, जाके अपनी प्रैक्टिस कर लयो.'


पहलवानों के घर फोन करता था
इसके साथ ही विनेश फोगाट ने योगेश्वर दत्त पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने एक दूसरी महिला पहलवान को बड़े भद्दे तरीके से बोला कि ये सब तो चलता रहता है इसको इतना बड़ा इशू मत बनाओ. कुछ चाहिए हो तो मुझे बताओ. कमेटी की बैठक के बाद योगेश्वर ने महिला पहलवानों के नाम बृजभूषण और मीडिया को लीक कर दिये. उसने कई महिला पहलवानों के घर फोन करके यह भी कहा कि अपनी लड़की को समझा लो. वह पहले ही सरेआम महिला पहलवानों के खिलाफ बयान दे रहा था, उसके बावजूद उसे दोनों कमेटियों में रखा गया.


जूठा खा रहे हो
वह पहलवानों और कोचों को महिला पहलवानों के आंदोलन में शामिल होने से लगातार रोकता रहा. सारा कुश्ती जगत समझ गया था कि योगेश्वर बृजभूषण की थाली का जूठा खा रहा है. समाज में कोई भी अन्याय के खिलाफ आवाज उठाता है तो योगेश्वर जरूर उल्टियां करता है. पहले किसानों, जवानों, छात्रों, मुसलमानों, सिखों पर घटिया टिप्पणियां की. अब महिला पहलवानों को बदनाम करने में लगा हुआ है. समाज से गद्दारी के कारण ही दो बार चुनाव में औंधे मुंह गिरे हो तुम और मैं चैलेंज करती हूं कि कभी जिंदगी में चुनाव नहीं जीतोगे, क्योंकि समाज जहरीले नाग से हमेशा सावधान रहता है और उसके कभी पैर नहीं लगने देता. कुश्ती जगत को आपका बृजभूषण के तलवे चाटना हमेशा याद रहेगा. महिला पहलवानों को तोड़ने में इतना जोर मत लगाओ, बहुत पक्के इरादे हैं इनके. ध्यान रखना कहीं ज्यादा जोर लगवाने से कमर न टूट जाए. रीढ़ तो पहले ही बृजभूषण के पैरों में रख चुके हो. तुम बहुत संवेदनहीन इंसान हो. जालिम के हक में खड़े हो उसकी चापलूसी कर रहे हो.