Wrestlers Protest: आज भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न को लेकर पहलवान हरिद्वार पहुंचेंगे. जहां वो सभी अपने मेडल्स को गंगा में बहा देंगे. इसकी जानकारी खुद पहलवान बजरंग पूनिया ने अपने ट्वीटर हैंडल से चिट्ठी शेयर करके दी है. ट्वीट पर शेयर बजरंग पूनिया के पत्र में लिखा है कि आज शाम 6 बजे रिद्वार में गंगा नदी में फेंक देंगे.


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नरेश टिकैत मेडल गंगा में बहाने से रोका


इसी कड़ी में पहलवान हरिद्वार हर की पौड़ी पर पहुंचे थे. जहां उनसे मिलने किसान नेता नरेश टिकैत पहुंचे.  जहां उन्होंने पहलवानों को मनाया और उन्हें मेडल गंगा में बहाने से रोका. इतनी ही नहीं उन्होंने पहलवानों से 5 दिन का वक्त भी मांगा है. 



मामले की नहीं है आधिकारिक पुष्टि 
पहलवानों के ट्वीट के बाद हरिद्वार प्रशासन में हड़कंप मच चुका हैं. एसएसपी हरिद्वार अजय सिंह का कहना है कि इस बारे में कोई अधिकारिक पुष्टि नही हैं. इसको लेकर पुलिस बल पर्याप्त हैं, जिनको तैनात किया गया है. 


देश में घटिया व्यवहार को झेलने के लिए जीते मेडल 
उन्होंने मेडल को लेकर पत्र में लिखा कि हमे वो पल याद आ रहे हैं जब हम देश के लिए मेडल जीते थे, लेकिन अब लग रहा है कि हमने ये मेडल अपने साथ इस घटिया व्यवहार को झेलने के लिए जीते थे. उन्होंने आगे ये भी लिथा कि अब लग रहा है कि हमारे गले में सजे इन मेडलों का कोई मतलब नहीं रह गया है. इनको लौटाने हमें मौत लग रही थी, लेकिन अपने आत्म सम्मान के साथ समझौता करके भी क्या जीना. 


पीएम और राष्ट्रपति को पहलवानों ने क्यों नहीं सौंपे मेडल 
बजरंग पूनिया ने पत्र में लिखा कि हमारी राष्ट्रपति खुद एक महिला हैं. जो जंतर मंतर से सिर्फ 2 किलोमीटर की दूरी पर बैठती है, लेकिन इसपर वह कुछ भी नहीं बोलीं.
वहीं प्रधानमंत्री के लिए कहा कि जो हमें अपने घर की बेटियां बताते थे, लेकिन उन्होंने एक बार भी अपने घर की बेटियों की सुध-बुध नहीं ली. बल्कि नई संसद के उद्घाटन में हमारे उत्पीड़क को बुलाया और वह चमकदार कपड़ों में फोटो खिंचवा रहे थे. साथ ही लिखा कि उसकी सफेदी चुभ रही थी. मानो कह रही हो कि मैं ही तंत्र (System) हूं. 


आगे लिखा कि इस चमकदार तंत्र में हमारी जगह कहां हैं, भारत के बेटियों की जगह कहां हैं. क्या हम सिर्फ नारे बनकर या सत्ता में आनेभर का एजेंडा बनकर रह गई हैं. साथ ही ये भी कहा कि ये मेडल अब हमें नहीं चाहिए, क्योंकि इन्हें पहनाकर हमें मुखौटा बनाकर सिर्फ अपना प्रचार करता है यह तेज सफेदी वाला तंत्र. फिर हमारा शोषण करता है. 


इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठने पहलवान
उन्होंने ये भी लिखा कि गंगा को हम अपनी मां मानते हैं और उससे पवित्र कोई नहीं है. इसी पवित्रता के साथ हमने ये मेडल हासिल किए थे. ये पवित्र मेडल पवित्र गंगा को अर्पित करेंगे. साथ ही ये भी कहा कि इसको बहाने के बाद हमारे जीने का कोई मतलब नहीं है. इसलिए उन्होंने इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठने का फैसला भी लिया है.