आठ लेन का बनेगा यमुना एक्सप्रेस वे, हादसे रोकने के लिए प्राधिकरण ने उठाया ये बड़ा कदम
ग्रेटर नोएडा से आगरा तक बने 165 किमी लंबे और 100 मीटर चौड़े एक्सप्रेस वे पर ठंड और कोहरे के चलते दुर्घटनाओं को रोकने के लिए यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण (यीडा) लगातार प्रयास कर रहा है. भारी व हल्के वाहनों की रफ्तार कम की गई है.
ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा से आगरा तक बने 165 किमी लंबे और 100 मीटर चौड़े एक्सप्रेस वे पर ठंड और कोहरे के चलते दुर्घटनाओं को रोकने के लिए यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण (यीडा) लगातार प्रयास कर रहा है. भारी व हल्के वाहनों की रफ्तार कम की गई है. इसके बावजूद हादसे में लोग अपनी जान गंवा रहे हैं, जो अधिकारियों के लिए चिंता का कारण बना हुआ है.
यमुना प्राधिकरण के सीईओ का कहना है कि हादसों को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. यमुना एक्सप्रेस वे को 6 लेन से आठ लेन का करने की तैयारी चल रही है और इसकी डीपीआर बनाई जा रही है. उन्होंने कहा कि रोड सेफ्टी कमेटी के नॉर्म्स के अनुसार 15 दिन के अंदर इसका डीपीआर तैयार हो जाएगा.
यमुना एक्सप्रेस वे के जीरो पॉइंट पर बीते दिन टमाटर से लदा कैंटर फ्लाईओवर से गिर गया. हादसे में ड्राइवर दानिश और रिहान गंभीर रूप से घायल हो गए. इस घटना को संज्ञान में लेते हुए प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह ने यमुना एक्सप्रेस वे के मेंटेनेंस, रिपेयर और ऑपरेशन के लिए उत्तरदायी संस्था जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड से रिपोर्ट मांगी गई थी.
जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड ने अपनी रिपोर्ट में कहा है बीम की ऊंचाई अभी आधा मीटर है, जिसके कारण इस प्रकार के हादसे होते हैं. पहले भी ऐसे ही हादसे हो चुके हैं. सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया इंडियन रोड कांग्रेस के जो नॉर्म्स थे, उसके अनुसार जो सुरक्षा के लिए बीम (रेलिंग) लगाई गई है. उसकी ऊंचाई आधा मीटर है. लेकिन अब इसे बदलकर बीम की ऊंचाई को 2.5 मीटर कर दिया गया है. जैसे कि सेंट्रल वर्ज पर जो हाई बीम लगाया गया, उससे 50 फीसदी दुर्घटनाओं में कमी आई है.
अरुणवीर सिंह ने कहा कि रोड के साइड में जो बीम लगे हैं, उनको तोड़कर हादसे हुए हैं. मतलब कि उसमें भी सुधार की आवश्यकता है. इसी प्रकार एक्सप्रेस वे की दोनों साइडों में सुरक्षा के लिए जो बीम लगे हैं उनकी हाइट को 2.78 की ऊंचाई तक करने का निर्णय लिया गया, जिससे दुर्घटनाओं में काफी कमी आएगी.
प्राधिकरण के सीईओ ने बताया कि यमुना एक्सप्रेस वे को अब 6 लाइन से 8 लाइन का कर दिया जाएगा , क्योंकि यहां से प्रतिदिन गुजरने वाले वाहनों की संख्या 32 हजार हो गई है और कंसेशन एग्रीमेंट में यह बात पहले से लिखी हुई है कि अगर टोल पर वाहनों की संख्या 32000 प्रतिदिन के आसपास हो जाएगी तो इसे 6 लेन से आठ लेन का कर दिया जाएगा. लेन विस्तार का पूरा खर्च जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड को ही उठाना है.
एक्सपर्ट के मुताबिक कराए विकास कार्य
दरअसल यमुना एक्सप्रेस वे पर एक दिन में करीब 32000 वाहन गुजरते हैं और आगे इनकी संख्या और बढ़ने की संभावना है. जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने के बाद वाहनों की संख्या और ज्यादा बढ़ जाएगी. एक्सप्रेस वे पर वाहनों का ज्यादा दबाव न बने, उसे देखते हुए इसे 8 लेन का किया जा रहा है.
सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि यमुना एक्सप्रेस वे पर हादसों को रोकने के लिए भी काफी कार्य कराए गए हैं और एक्सपर्ट की ओर से बताए अनुसार यमुना एक्सप्रेस वे पर कार्य कराए गए, जिसकी वजह से पिछले वर्ष में हादसों में कमी आई है.