कुत्तों के आतंक से परेशान लोगों ने सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि फीमेल डॉग 10 से 12 बच्चे देती है जिसकी वजह से कुत्तों की जनसंख्या पर नियंत्रण नहीं लग पाता. अगर इनकी नसबंदी करा दी जाए तो हो सकता है. आने वाले समय में कुत्तों की जनसंख्या कम हो जाए और आम लोगों पर इनके आंतक का असर कम हो सकता है.
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यमुनानगरः गांव हो या कस्बा या फिर शहर चारों और आजकल कुत्तों का आंतक मचा हुआ है. छोटे बच्चों से लेकर बूढ़े बुजुर्गों तक या गलियों में चलने वाली महिलाओं पर लगातार हो रहे कुत्तों के हमले से आमजन परेशान होता दिखाई दे रहा है, जिसको लेकर जी मीडिया की टीम जीरो ग्राउंड पर पहुंची और लोगों से इसके बारे में जानना चाहा कि कुत्तों के आंतक से कितने परेशान हैं और फिर आमजन का गुस्सा फूट पड़ा. इस दौरान लोगों ने कहा कि लगातार कुत्तों के आंतक बढ़ता ही जा रहा हैं.
जब जी मीडिया की टीम जीरो ग्राउंड पर पहुंची तो कई कॉलोनियों के लोगों ने कहा कि कुत्तों के काटने को लेकर आंतक छाया हुआ है, कस्बों में जाकर भी पूछा तो लोगों ने अपना गुस्सा संबंधित विभाग व निगम पर निकालते हुए कहा कि प्रशासन या सरकार इसकी और बिल्कुल भी ध्यान नहीं देती. स्कूल में जाने वाले बच्चे हो या फिर गली में चलने वाली महिलाएं या आम आदमी कुत्ते हर वक्त उनका पीछा करते हैं और कई बार काट लेते हैं.
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नसबंदी के सवाल के जवाब देते हुए लोगों ने कहा कि कुत्तों की नसबंदी जरूरी है, लेकिन संबंधित विभागीय प्रशासन इसकी तरफ ध्यान नहीं देता. लोगों का कहना है कि सरकार को इसकी और ध्यान देना चाहिए. इसलिए ''''सुनो सरकार'''', कुत्तों के आंतक पर ध्यान दीजिए, इन कुत्तों को पकड़कर एक जगह पर रख दीजिए या फिर इनकी नसबंदी करवाए. वहीं जब कुत्तों की जनसंख्या बढ़ने की बात आती है तो फीमेल डॉग 10 से 12 बच्चे देती है जिसकी वजह से कुत्तों की जनसंख्या पर नियंत्रण नहीं लग पाता. अगर इनकी नसबंदी करा दी जाए तो हो सकता है आने वाले समय में कुत्तों की जनसंख्या कम हो जाए और आम लोगों पर इनके आंतक का असर कम हो सकता है.
(इनपुटः कुलवंत सिंह)