Rohini Blast Case: घटनास्थल पर मिले तीन कैमिकल और तार, रोहिणी ब्लास्ट में नया ट्विस्ट
Delhi Blast Case: सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि जिसने भी ब्लास्ट का मटीरियल जमा किया, उसे तमाम कैमिकल के बारे में अच्छी खासी नॉलेज रही होगी. ये कैमिकल भी आसानी से हासिल किया जा सकता है क्योंकि इंडस्ट्रीज वर्क्स में भी इनका इस्तेमाल किया जाता है. सूत्रों के मुताबिक, ब्लास्ट साइट पर तार भी मिले हैं.
Delhi Rohini Blast: दिल्ली के रोहिणी इलाके में हुए ब्लास्ट के बाद जांच तेज हो गई है. ब्लास्ट के बाद अब धीरे-धीरे परतें खुलती जा रही हैं. घटनास्थल पर जांच एजेंसियों को सफेद पाउडर भी मिला था, जिसमें तीन कैमिकल मिक्स थे. इसी बरामद हुए पाउडर के चलते जबरदस्त ब्लास्ट हुआ था. इस पाउडर में हायड्रोजन पैराऑक्साइड, बोरेट और नाइट्रेट शामिल था. ये तीनों आमतौर पर माइनिंग में भी इस्तेमाल होते हैं. ब्यूटी प्रोडक्ट्स में भी इनका इस्तेमाल होता है. सबसे बड़ी बात ये है कि इन कैमिकल का इस्तेमाल सेफ ब्लास्ट के लिए किया जाता है.
कैमिकल का जानकार था मास्टरमाइंड
सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि जिसने भी ब्लास्ट का मटीरियल जमा किया, उसे तमाम कैमिकल के बारे में अच्छी खासी नॉलेज रही होगी. ये कैमिकल भी आसानी से हासिल किया जा सकता है क्योंकि इंडस्ट्रीज वर्क्स में भी इनका इस्तेमाल किया जाता है. सूत्रों के मुताबिक, ब्लास्ट साइट पर तार भी मिले हैं.
दिल्ली ब्लास्ट केस में पुलिस घटना स्थल के आसपास और उस तक आने-जाने के रास्तों से करीब 100 से ज्यादा CCTV फुटेज की जांच कर चुकी है. अब तक कोई भी ठोस संदिग्ध नजर नहीं आया है. सीसीटीवी में दो लोगों की धुंधली तस्वीरें दिखी हैं, जिनके चेहरे तक नजर नहीं आ रहे हैं. इससे पहले रविवार को ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान से ऑपरेट होने वाले टेलीग्राम चैनलों पर ब्लास्ट के पीछे खालिस्तानी आतंकियों का हाथ होने का दावा किया गया था. फिलहाल इन सारे दावों को प्रोपेगेंडा के दौर पर देखा जा रहा है. धमाके की जांच जारी है और किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है. ना ही किसी संगठन ने जिम्मेदारी ली है.
खालिस्तानी एंगल होने का शक
सबसे पहले दावा टेलीग्राम चैनल जस्टिस लीग इंडिया पर CCTV डालकर धमाके का दावा किया गया. ISI की तरफ से चलने वाले कश्मीर जिहाद से जुड़े टेलिग्राम चैनलों पर दिल्ली ब्लास्ट में खालिस्तान समर्थकों का हाथ होने का इशारा किया गया है. लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसके पीछे पाक इंटेलिजेंस एजेंसी आईएसआई का रोल है. इसमें खालिस्तान का एंगल देकर खालिस्तानी आतंकवाद को हवा देने की कोशिश हो रही है.