Qutub Minar row: वाराणसी की ज्ञानपासी मस्जिद को लेकर पहले ही विवाद छिड़ा हुआ है इस बीच हिन्दू संगठनों की ओर से दिल्ली की कुतुब मीनार में भी पूजा-पाठ करने की मांग की गई है. हालांकि ASI ने इसका विरोध करते हुए दावा किया कि कुतुब मीनार एक संरक्षित इमारत है और ऐसे में यहां न कभी पूजा-पाठ किया गया और न ही आगे किया जा सकता है. हालांकि कुतुब मीनार की मुगल मस्जिद के इमाम ने ASI के दावे की पोल खोल दी है.


ASI के दावे को इमाम की चुनौती


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मुगल मस्जिद के इमाम मौलाना शेर मोहम्मद ने दावा किया कि 46 साल से कुतुब मीनार में नमाज पढ़ी जा रही है और उन्होंने सबूत के तौर पर नमाज की तस्वीरें भी शेयर की हैं. एसआई के कुतुब मीनार में किसी भी तरह की पूजा ना होने के दावे को चुनौती देते हुए इमाम ने कहा, 'मैं 46 साल से मुगल मस्जिद में नमाज पढ़ा रहा हूं और यह मस्जिद कुतुब मीनार के अंदर ही मौजूद है. इमाम शेर मोहम्मद का दावा है कि यहां सदियों से नमाज होती आई है.



मुगल मस्जिद कुतुब मीनार के इमाम शेर मोहम्मद ने Zee Media से नमाज की तस्वीरें शेयर कीं और कहा कि अगर कुतुब मीनार में मंदिर था तो पहले ही लोग क्यों नहीं घुस आए. आज नमाज क्यों बंद हो रही है. उन्होंने कहा कि हमने थाने में इसकी शिकयत दर्ज कराई है और अगर मसला नहीं सुलझता है तो कोर्ट का रुख करेंगे.


कुतुब मीनार में नमाज की मांग


मौलाना शेर मोहम्मद का यहां तक कहना है कि वह मोदीजी के देश लौटने का इंतजार कर रहे हैं. अब वही आकर मामला सुलझाएं, वरना हम भी कुतुब मीनार में नमाज पढ़ने के मामले को कोर्ट ले जाएंगे. मौलाना इस मामले की शिकायत महरौली थाने और दिल्ली वक्फ बोर्ड में दर्ज करा चुके हैं.


उधर, दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अमानतुल्लाह खान ने वक्फ बोर्ड के कमिश्नर को चिट्ठी लिखकर कहा है कि कुतुब मीनार में बनी मुगल मस्जिद में नमाज पढ़ने की इजाजत दी जाए. चिट्ठी में कहा गया है कि मौलाना शेर मोहम्मद वक्फ बोर्ड की ओर से नियुक्त मस्जिद के इमाम हैं. लेकिन कुछ लोगों ने उन्हें हाल ही में उस मस्जिद में नमाज पढ़ने से रोक दिया है.


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अमानतुल्लाह खान की इस चिट्ठी के मुताबिक यह बताया गया कि वह लोग ASI के अधिकारी हैं और उनका कहना है कि इस जगह अब नमाज नहीं होगी. चिट्ठी में लिखा गया है कि इस मस्जिद में सालों से नमाज होती आई है, इस सिलसिले को नहीं रोका जाना चाहिए. 


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