Pollution in Delhi: दिल्ली एक बार फिर प्रदूषण के साये में हैं. लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस बार प्रदूषण ने कुछ पहले ही दस्तक दे दी है. इन सबके बीच दिल्ली सरकार ने पहले ही कमर कस ली है. यही कारण है कि दिल्ली के लोगों को प्रदूषण से बचाने के लिए बुधवार को दिल्ली सरकार ने 'विंटर एक्शन प्लान' शेयर किया है. दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दिल्ली सचिवालय में बताया कि सरकार ने आज से ही प्रदूषण के खिलाफ जंग छेड़ दी है. 'मिल कर चलें, प्रदूषण से लड़ें' थीम पर विंटर एक्शन प्लान काम करेगा.


बाहरी राज्यों की वजह से प्रदूषण?


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असल में गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में हमने देखा है कि सर्दियों के समय में बाहरी राज्यों की वजह से प्रदूषण का स्तर बढ़ता है. हमें प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए केंद्र सरकार के सहयोग की जरुरत होती है. सभी मिलकर प्रदूषण के खिलाफ लड़ेंगे, तभी प्रदूषण को कम किया जा सकता है.


दिल्ली सरकार ने क्या-क्या किया?


गोपाल राय ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार के प्रयासों की वजह से ही आज दिल्ली में प्रदूषण कम हो रहा है. साल 2016 में प्रदूषित दिन की संख्या 243 थी. 2023 में यह संख्या घटकर 159 हुई. करीब 35 फीसदी प्रदूषण के स्तर में कमी आई है. दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए सभी एजेंसियों के साथ मिलकर पौधरोपण कार्यक्रम किए. ग्रीन बेल्ट को बढ़ाने का काम किया. 


अब क्या करेगी आप सरकार


उन्होंने यह भी बताया कि इसका परिणाम यह है कि 34 फीसदी से अधिक प्रदूषण को कम करने में सफल हुए हैं. साल 2013 में 20 फीसदी ग्रीन बेल्ट था, जो कि साल 2022 तक 23.06 प्रतिशत हो गया है. पिछले चार साल में 2 करोड़ पौधे लगाए गए. गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला किया है. जो भी एजेंसी, निजी निर्माण एजेंसी, कंपनी, सरकारी कर्मचारी प्रदूषण को नियंत्रित करने में सबसे अच्छा काम करेगी, उसे प्रोत्साहित करने के लिए 'हरित रत्न पुरस्कार' से सम्मानित किया जाएगा. खराब प्रदर्शन करने वालों को दंडित भी किया जाएगा.


6 सदस्यीय एसटीएफ का गठन


गोपाल राय ने कहा कि 21 प्वाइंट के विंटर एक्शन प्लान के तहत हम प्रदूषण के खिलाफ काम करेंगे. दिल्ली में पहली बार हॉट स्पॉट की ड्रोन से निगरानी करने का फैसला लिया गया है. इससे रियल टाइम में प्रदूषण की वजह का पता लगाया जा सकेगा. प्रदूषण की वजहों को रोकने के लिए 6 सदस्यीय एसटीएफ का गठन किया जाएगा. धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 7 अक्टूबर से 'धूल विरोधी अभियान' शुरू होगा. सभी एजेंसियों, निजी और सरकारी कार्यालयों के पास 7 अक्टूबर तक का समय है, अगर वे तब तक मापदंडों को पूरा नहीं करती हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू होगी.


उन्होंने बताया कि प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. 500 मीटर से अधिक सभी निर्माण स्थलों को पोर्टल पर पंजीकृत करना होगा. 85 रोड स्वीपिंग मशीनें लगाई जाएंगी. पानी छिड़काव के लिए 500 मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा. 200 मोबाइल एंटी स्मॉग गन चलाई जाएंगी. नवंबर-दिसंबर में पानी का छिड़काव 3 गुना बढ़ाया जाएगा.