Haryana Chunav: हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए आज आज पर्चा भरने का अंतिम दिन है. बीजेपी ने अपने सभी 90 प्रत्‍याशियों का ऐलान कर दिया है. इस बार बीजेपी के लिए खास बात ये है कि पार्टी का पूरी तरह से चौधरी देवीलाल के परिवार से नाता टूट गया है. कहने का आशय ये है कि इस बार के चुनाव में देवीलाल परिवार का कोई भी सदस्‍य भाजपा के साथ नहीं है. वरना सियारी गलियारों में कहा जा रहा है कि पिछले 52 साल से किसी न किसी रूप में दोनों पक्षों का नाता बना रहा है. कभी भाजपा ने जनसंघ के जमाने में देवीलाल के साथ सहयोग किया. कभी देवीलाल के परिवार का कोई सदस्‍य बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा. यानी जरूरत पड़ने पर दोनों पक्षों को एक-दूसरे का साथ मिलता रहा है.


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2019 के विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा ने देवीलाल की चौथी पीढ़ी और प्रपौत्र दुष्‍यंत चौटाला की जजपा के साथ गठबंधन किया था. अबकी बार लोकसभा चुनाव के पहले वो गठबंधन टूट गया. इस बार दुष्‍यंत चौटाला ने चंद्रेशखर आजाद की पार्टी के साथ एलायंस किया है. पिछली बार बीजेपी को चौधरी देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला का भी साथ मिला था. उनको कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया था. लेकिन अबकी बार बीजेपी ने उनको सिरसा की रानियां सीट से टिकट नहीं दिया. लिहाजा रणजीत चौटाला इस सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. कहा जा रहा है कि पूर्व बिजली मंत्री रणजीत चौटाला का जजपा समर्थन करेगी. बदले में डबवाली सीट पर जजपा के प्रत्‍याशी दिग्विजय चौटाला का समर्थन रणजीत सिंह चौटाला करेंगे.


इसी तरह 2014 के विधानसभा चुनावों पर यदि नजर डाली जाए तो उस दौरान देवीलाल के बेटे जगदीश चौटाला के पुत्र आदित्‍य देवीलाल बीजेपी के साथ थे. उन्‍होंने भी भाजपा का साथ छोड़ दिया है और इनेलो के टिकट पर डबवाली सीट से चुनावी मैदान में हैं.   


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दोस्‍ती का दम
अमर उजाला अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक चौधरी देवीलाल की दोस्‍ती जनसंघ के नेता डॉ मंगल सेन से थी. सेन को हरियाणा में भाजपा (पूर्ववर्ती जनसंघ) को खड़ा करने वाला नेता माना जाता है. इन दोनों नेताओं की दोस्‍ती की हरियाणा की सियासत में मिसालें दी जाती हैं. 1977 में चुनाव जीतने पर देवीलाल जब सीएम बने तो उन्‍होंने डॉ मंगल सेन को डिप्‍टी सीएम बनाया. कहते हैं कि उस जमाने में देवीलाल ने जनसंघ और बाद में भाजपा के साथ मिलकर कई चुनाव लड़े.  1982 के चुनाव में भी देवीलाल की पार्टी लोकदल और भाजपा में गठबंधन हुआ. 1987 में इस गठबंधन ने प्रचंड बहुमत हासिल किया और देवीलाल सीएम बने. 


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ओमप्रकाश चौटाला
देवीलाल के बाद बीजेपी ने उनके बेटे ओमप्रकाश चौटाला को दो बार मुख्‍यमंत्री बनाने में मदद की. नतीजतन 1999 में पहली बार ओमप्रकाश चौटाला सीएम बने. उसके बाद 2000 का विधानसभा चुनाव भी दोनों ने साथ मिलकर लड़ा और सरकार बनाई. 2014 में पहली बार बीजेपी ने अपने बलबूते हरियाणा में सरकार बनाई.