Devkinandan Thakur: उदयनिधि स्टालिन ने सत्ता के मद में किया सनातन का अपमान, I.N.D.I.A. फ्रंट से बाहर हो DMK; बोले देवकीनंदन ठाकुर
Udhayanidhi Stalin controversy: तमिलनाडु के डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म को लेकर दिए गए विवादित बयान पर घमासान मचा है. एक ओर बीजेपी नेता उनके बयान को आस्थाओं को ठेस पहुंचाने वाला मामला बताकर हमलावर हैं. वहीं संत समाज ने भी इस मामले पर नाराजगी जताई है.
Devkinandan Thakur Vs Udhayanidhi Stalin: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन सनातन धर्म से जुड़े अपने एक बयान के कारण विवादों में घिर गए हैं. उदयनिधि स्टालिन ने अपने एक बयान में कहा था कि ऐसी कुछ चीज़ें होती हैं जिनका विरोध करना काफी नहीं होता, हमें उन्हें समूल मिटाना होगा. आगे उन्होंने ये भी कहा, 'मच्छर, डेंगू बुख़ार, मलेरिया, कोरोना ये ऐसी चीज़ें हैं जिनका हम केवल विरोध नहीं कर सकते हमें इन्हें मिटाना होगा. सनातन भी ऐसा ही है.' इस विवादित बयान पर कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने नाराजगी जताते हुए इसे करोड़ों हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ बताते हुए बड़ा हमला बोला है.
उदयनिधि पर भड़के देवकीनंदन ठाकुर
कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि उदयनिधि ने सत्ता के मद में ये विवादित बयान दिया है. अगर उनके पिता और पार्टी सत्ता में न होती तो उनकी सनातन का अपमान करने की हिम्मत न होती. देवकीनंदन ठाकुर ने कहा, हिंदू धर्म को निशाना बनाकर वोट बटोरने की कोशिश होती है. ऐसे में अब किसी भी कीमत पर सनातन का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. संत समाज इस बयान को लेकर नाराज है. इसलिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए.
एम के स्टालिन हमेशा सीएम नहीं रहेंगे: देवकीनंदन ठाकुर
देवकी नंदन ठाकुर ने कहा कि उदयनिधधि को समझ लेना चाहिए कि उनके पिता हमेशा एमके स्टालिन हमेशा सीएम नहीं रहेंगे. ऐसे में उन्हें बहुत संभाल कर बयान देना चाहिए. ऐसे बयान करोड़ों हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
'इंडिया फ्रंट से बाहर हो डीएमके'
ज़ी न्यूज़ से बात करते हुए देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि विदेशी साजिश के तहत पर सनातन का अपमान हो रहा है. ऐसे में सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है. अगर उनकी हिम्मत है तो वो किसी और धर्म के खिलाफ ऐसा बोल कर दिखाएं, लेकिन वो ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि वह जानते हैं कि एक शब्द बोलना भी भारी पड़ जाएगा.'
उन्होंने ये भी कहा, 'विपक्ष के नेता जो मंदिर जाने लगे हैं. उन्हें भी डीएमके नेता के इस सनातन विरोधी रुख पर अपना स्टैंड क्लियर करना चाहिए. इसके साथ ही उन्हें डीएमके को अपने गठबंधन से फौरन बाहर निकाल देना चाहिए.