Delhi Chief Secretary Dharmendra: केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने शनिवार (31 अगस्त) को एजीएमयूटी कैडर के 1989 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी धर्मेंद्र को दिल्ली का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया है. नौकरशाही के उच्च सूत्रों ने कहा कि इस कदम ने एजीएमयूटी, या केंद्रीय कैडर, नौकरशाहों के पूल में एक महत्वपूर्ण फेरबदल का रास्ता खोल दिया है. इससे आने वाले दिनों में दिल्ली, अरुणाचल प्रदेश और गोवा सहित अन्य स्थानों में आईएएस, आईपीएस और दानिक्स अधिकारियों की पोस्टिंग पर असर पड़ेगा.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कौन हैं दिल्ली के नए मुख्य सचिव धर्मेंद्र? राजधानी में काम का भी अनुभव


प्रशिक्षण से एक सिविल इंजीनियर, धर्मेंद्र अप्रैल 2022 से अरुणाचल प्रदेश के मुख्य सचिव के रूप में कार्यरत हैं.  एजीएमयूटी कैडर के 1989 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी धर्मेंद्र ने पहले भी राजधानी में कई पदों पर कार्य किया है. इनमें उद्योग, पर्यावरण और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के सचिव के अलावा मंडल आयुक्त-सह-राजस्व सचिव, एनडीएमसी अध्यक्ष, डिप्टी कमिश्नर (उत्तर पश्चिम दिल्ली), और डिप्टी कमिश्नर (पूर्वी दिल्ली) शामिल हैं.


सूत्रों के मुताबिक, धर्मेंद्र इस महीने की शुरुआत में पूर्व केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला द्वारा अपनी सेवानिवृत्ति से पहले दिल्ली के मुख्य सचिव पद के लिए प्रस्तावित तीन वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के पैनल में थे. केंद्र में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय में संयुक्त सचिव, शहरी विकास के रूप में पांच साल के कार्यकाल के अलावा, धर्मेंद्र ने उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के साथ-साथ दमन दीव/दादरा नगर हवेली और आइजोल में रेजिडेंट कमिश्नर और विकास आयुक्त जैसे पदों पर भी काम किया है.


नरेश कुमार का सरकार से लगातार टकराव, नहीं मिला तीसरा एक्सटेंशन 


धर्मेंद्र ने एजीएमयूटी कैडर के 1987-बैच के आईएएस अधिकारी नरेश कुमार से पदभार संभाला है. नरेश कुमार का कार्यकाल अप्रैल 2022 में शुरू हुआ और दो बार एक्सटेंशन के बाद 31 अगस्त को समाप्त हो रहा है. केंद्र सरकार द्वारा उनके कार्यकाल को दो बार आगे बढ़ाया गया, लेकिन उन्हें अब तीसरा सेवा विस्तार नहीं मिला. मुख्य सचिव के रूप में अपने दो साल के कार्यकाल के दौरान नरेश कुमार का दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के साथ लगातार टकराव होता रहा. 


केंद्र और राज्य के लिए कितना महत्वपूर्ण है दिल्ली के मुख्य सचिव का पद


केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच एक पुल होने के अलावा, दिल्ली के मुख्य सचिव का पद राष्ट्रीय राजधानी के प्रशासन के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है. दिल्ली में नागरिक प्रशासन का प्रमुख होने और इसके सरकारी विभागों में तैनात सभी सिविल सेवकों पर अधिकार क्षेत्र होने के अलावा, दिल्ली के दैनिक प्रशासन से संबंधित काम का बड़ा हिस्सा मुख्य सचिव के माध्यम से होता है.


राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम, 2023 के अधिनियमन के बाद से यह पद और अधिक महत्वपूर्ण हो गया है. इसके तहत मुख्य सचिव राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (एनसीसीएसए) के तीन सदस्यों में से एक है, जो दिल्ली के मुख्यमंत्री और प्रमुख सचिव (गृह) के अलावा शहर में तैनात सिविल सेवकों के स्थानांतरण, पोस्टिंग और सतर्कता मामलों में समिति की अध्यक्षता करता है.


ये भी पढ़ें- 2029 में भी प्रधानमंत्री बनेंगे नरेंद्र मोदी? 5 साल पहले ही कर दिया ऐलान, सुनिए क्या कहा


गृह मंत्रालय में प्रशासनिक बदलाव के बाद से चल रहा था नियुक्ति पर काम


नौकरशाही के सूत्रों ने कहा कि इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय गृह मंत्रालय में प्रशासनिक बदलाव के बाद से ही इस नियुक्ति पर काम चल रहा था. यह नियुक्ति उनके बैचमेट 1989-बैच के सिक्किम कैडर के आईएएस अधिकारी गोविंद मोहन की केंद्रीय गृह सचिव के रूप में नियुक्ति के कुछ दिनों बाद हुई है. नौकरशाही के सूत्रों के अनुसार, यह भी समझा जाता है कि इसने दिल्ली सरकार के विभागों के साथ-साथ नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) जैसे निकायों में कई महत्वपूर्ण नियुक्तियों का मार्ग प्रशस्त किया है.


ये भी पढ़ें- Kerala: वाम के गढ़ में संघ का 'भागवत' समागम, 3 दिन के महामंथन में क्या-क्या तय होगा? 


नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें Hindi News Today और पाएं Breaking News in Hindi हर पल की जानकारी. देश-दुनिया की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!