1 करोड़ कट्टर हिंदू चाहिए... हमें `AI` नहीं `HI` की जरूरत, क्यों बोले बागेश्वर बाबा धीरेंद्र शास्त्री
Dhirendra Shastri News: सनातनी हिंदुओं को एकजुट करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे बागेश्वर बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने एक बार फिर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि देश की 140 करोड़ आबादी से उन्हें बस एक करोड़ कट्टर हिंदू मिल जाएं तो भारत में कोई कभी सनातनियों का बालबांका भी न कर पाएगा.
Pandit Dhirendra Shastri: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 21 नवंबर को जातियों में बंटे हिंदुओं को एक करने के मकसद से बागेश्वर धाम से सनातन पदयात्रा लेकर निकले थे, इस यात्रा का ओरछा में समापन होने के बावजूद उन्होंने अपने एजेंडे की धार में जरा भी कमी नहीं आने दी है. बजरंगबली के अनन्य भक्त और फायरब्रांड कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री ने बड़ा बयान दिया है. इंदौर के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि देश को AI के बाद अब HI (हिंदू इंटेलेक्चुअल) की जरूरत है. जिसके लिए एक करोड़ कट्टर हिंदुओं की जरूरत है.
HI (हिंदू इंटेलेक्चुअल) की जरूरत
बाबा धीरेंद्र शास्त्री, अगले साल 2025 में फिर पदयात्रा निकालेंगे, ये यात्रा वृंदावन से लेकर दिल्ली तक होगी. बाबा की 9 दिवसीय हिंदू सनातन पदयात्रा का समापन हाल ही में ओरछा में राजाराम सरकार के क्षेत्र और श्रीचरणों में हुआ था. उसमें लाखों श्रद्धालु शामिल हुए थे.
'जात-पात भेदभाव दूर करके रहूंगा'
उन्होंने कहा इस देश की सबसे भी बड़ी बीमारी जात-पात भेदभाव और छुआछूत के नाम पर जो राजनीतिक रोटियां सेकी जाती हैं, हिंदुओं को लड़वाया जाता है, हिंदुओं को कमजोर किया जाता है, हिंदू बहन बेटी पर अत्याचार किया जाता है, उनकी इज्जत को लूटा जाता है, उसके लिए अब हम सड़कों पर उतरे रहेंगे, जब तक देश एक नहीं होगा, जब तक सब हिंदू एक नहीं हो जाते, जब तक भगवा ध्वज लहराएगा नहीं, जब तक हिंदू जागेगा नहीं पूर्ण रूप से, जब तक हिंदुओं के खून में कट्टर हिंदुत्व का उबाल नहीं होगा, तब तक हम इस देश के लिए आगे अपने आप को समर्पित कर रहे हैं.
बाबा ने कहा, 'देश में भेदभाव छुआछूत मुक्त एक क्रांति खड़ी हो रही है. देश में हिंदू एक हो रहा है. यूनिटी ऑफ पावर. सब जानते हैं कि एकता में बल होता है. हिंदू एक हो रहा है और हर हाल में एक होगा. अब एआई के बाद देश को एचआई की जरूरत है, हिंदू इंटेलेक्चुअल. हिंदुओं को एक करने घर-घर तक जाएंगे, गांव-गांव जाएंगे और जगाएंगे'.