DNA ANALYSIS: मौत को मात देकर पहली बार अपने बच्चे से मिली मां, जानें भावुक करने वाली कहानी
अस्पताल में भर्ती होने के बाद डॉक्टर आरफा की डिलिवरी हुई और उन्होंने एक बच्चे को जन्म दिया. लेकिन इसके तीन दिन बाद ही उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. वह 10 दिनों तक वेंटिलेटर सपोर्ट पर रहीं.
नई दिल्ली: आज हम आपकी संवेदनाओं को छूने वाली कुछ तस्वीरें आपको दिखाना चाहते हैं. ये तस्वीरें कोलकाता के I.L.S Hospital की हैं. इस अस्पताल में डॉक्टर आरफा 10 दिन से वेंटिलेटर पर थीं, उन्हें कोरोना हुआ था. जब उन्हें ये बात पता चली कि वो कोरोना से संक्रमित हैं, तब वो प्रग्नेंट थीं. उनकी प्रेग्नेंसी को 37 हफ़्ते हो गए थे और डिलिवरी का समय काफी नजदीक था, लेकिन तभी उन्हें संक्रमण हो गया.
अस्पताल में भर्ती होने के बाद उनकी डिलिवरी हुई और उन्होंने एक बच्चे को जन्म दिया. लेकिन इसके तीन दिन बाद ही उनकी तबीयत बिगड़ने लगी और उन्हें डॉक्टरों ने वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखने का फ़ैसला किया.
महत्वपूर्ण बात ये है कि तब तक उन्होंने अपने बच्चे को एक बार भी अपनी गोद में नहीं उठाया था और जब वो वेंटिलेटर पर गईं, तो उनके बचने की उम्मीद भी काफी कम थी.
डॉक्टर आरफा 10 दिनों तक वेंटिलेटर सपोर्ट पर रहीं और उन्होंने हिम्मत नहीं छोड़ी. 14 दिनों के बाद वो कोरोना वायरस को हरा कर लौटीं और उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई. इसके तीन दिन बाद डॉक्टरों ने पहली बार उन्हें उनके बेटे से मिलवाया. जब डॉक्टर आरफा ने बच्चे को अपनी गोद में लिया तो वो भावुक हो गईं. उनकी आंखों में आंसू थे और उनके लिए यकीन करना मुश्किल था कि वो वेंटिलेटर से उठकर अपने बच्चे को गले लगा पाईं.
इस दृश्य ने दूसरे डॉक्टरों और नर्सों को भी भावुक कर दिया. ये तस्वीरें बताती हैं कि कोई भी बीमारी या संकट हमें तब तक नहीं तोड़ सकता, जब तक हम हार नहीं मानते.