DNA ANALYSIS: भारत को कम करनी होगी चीन पर निर्भरता, बाजार पर ड्रैगन का है कब्जा
भारत की जरूरत की 90 प्रतिशत जीवन रक्षक दवाएं चीन से आती हैं. दवाएं बनाने में इस्तेमाल होने वाले सामग्री का 75 प्रतिशत हिस्सा चीन से आता है.
नई दिल्ली: आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकल पर वोकल का नारा दिया है. और स्थानीय स्तर पर निर्मित उत्पादों के इस्तेमाल पर जोर दिया है. ऐसे में ये जानना भी जरूरी है कि अभी भारत, दूसरे देशों पर कितना निर्भर है. इस बात को आप खासतौर से चीन के उदाहरण से समझिए, जहां से भारत अपनी जरूरत की चीजों का 16 प्रतिशत हिस्सा, आयात करता है.
भारत की जरूरत की 90 प्रतिशत जीवन रक्षक दवाएं चीन से आती हैं. दवाएं बनाने में इस्तेमाल होने वाले सामग्री का 75 प्रतिशत हिस्सा चीन से आता है. 80 प्रतिशत मेडिकल उपकरणों की सप्लाई, चीन करता है.
ऑटोमोबाइल कंपोनेंट्स यानी वाहनों के कलपुर्जों की तीस प्रतिशत जरूरत, चीन से पूरी होती है. इलेक्ट्रिक माल की जरूरतों का 60 प्रतिशत आयात, चीन से होता है.
देखें DNA-
देश के करीब 90 प्रतिशत खिलौना बाजार (Toy Market) पर चीनी प्रोडक्ट्स का कब्जा है. देश के साइकिल बाजार में 50 प्रतिशत डिमांड, आयात से पूरी होती है जिसमें चीन की बड़ी हिस्सेदारी है.
जाहिर है, अगर हमें लोकल पर वोकल होना है, तो पहले चीन पर अपनी निर्भरता, कम से कम करनी होगी. इसलिए हमारा मानना है कि आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने के लिए अभी हमें बहुत तैयारी करनी पड़ेगी.