DNA ANALYSIS: ट्रंप को हरा कर फिर जीते PM मोदी! कोरोना काल में दुनिया ने माना लोहा
अमेरिका की एक रिसर्च एजेंसी ने दुनिया के 13 देशों में सर्वे के बाद राष्ट्र-अध्यक्षों को रेटिंग दी है. ये रेटिंग कोरोना संकट के समय राष्ट्र-प्रमुखों के काम करने की क्षमता और उनपर जनता के भरोसे को दिखाती है और सर्वे में 22 दिसंबर तक के आंकड़े हैं.
नई दिल्ली: आपदा में जनता की मुश्किलों को आसान करने वालों को ही सच्चा और राष्ट्रवादी नेता कहते हैं. इसकी पहचान एक नए सर्वे से हुई है. जिसके मुताबिक, इस समय सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही ऐसे Global Leader हैं, जिनकी रेटिंग कोरोना संक्रमण के बाद भी दुनिया में नंबर वन है, जबकि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नौवें नंबर पर हैं. ये ख़बर उन लोगों के लिए भी एक सबक है जो अब तक कह रहे थे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी के समय अच्छा काम नहीं किया है.
अमेरिका की एक रिसर्च एजेंसी ने दुनिया के 13 देशों में सर्वे के बाद राष्ट्र-अध्यक्षों को रेटिंग दी है. ये रेटिंग कोरोना संकट के समय राष्ट्र-प्रमुखों के काम करने की क्षमता और उनपर जनता के भरोसे को दिखाती है और सर्वे में 22 दिसंबर तक के आंकड़े हैं.
-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 55 Rating Points के साथ इस सर्वे में पहले नंबर पर हैं.
-दूसरे नंबर पर 29 Rating Points के साथ मेक्सिको के राष्ट्रपति आंद्रेस लोपेज़ हैं और ये प्रधानमंत्री मोदी से 26 अंक पीछे हैं.
-इसके बाद Australia, Germany, Canada और Brazil के राष्ट्र-प्रमुख हैं.
-अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को माइनस 15 Rating Points मिले हैं. इस समय ट्रंप भारत के प्रधानमंत्री से 70 Rating Points पीछे हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार अपनी जीत का दावा कर रहे थे, लेकिन कोरोना का मुकाबला ठीक से नहीं कर पाने की वजह से वो चुनाव हार गए.
-ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की स्थिति ट्रंप से भी ज्यादा खराब है. उन्हें माइनस 18 Rating Points ही मिले हैं और इस सूची में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों माइनस 25 Rating Points के साथ सबसे अंतिम स्थान पर हैं. आप कह सकते हैं कि उन्हें फ्रांस की जनता का समर्थन न के बराबर मिला है.
आप इन सभी नेताओं को देखें तो इन सबमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राजनीतिक कद सबसे ऊंचा है. इस पूरे साल प्रधानमंत्री मोदी की रेटिंग औसतन 50 Rating Points के करीब रही और दुनिया का कोई नेता उनके करीब भी पहुंच नहीं पाया.