नई दिल्ली: महात्मा गांधी ने एक बार कहा था कि You must be the change you want to see in the world यानी 'दुनिया में जो बदलाव आप देखना चाहते हैं, वो पहले आप खुद बनें. महात्मा गांधी ने लोगों के मन से इस बात की दुविधा दूर कर दी कि जो बदलाव लोग दुनियाभर में देखना चाहते हैं, उसकी शुरुआत कहां से होती है.


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गुजरात के राजकोट से ऐसी ही एक तस्वीर सामने आई है, जिसमें एक स्कूल की सफाई की जिम्मेदारी वहां के प्रधानाचार्य यानी प्रिंसिपल खुद निभा रहे हैं. स्कूल में बच्चे भले ही अभी नहीं आ रहे हों, लेकिन वो चाहते हैं कि बच्चे जब भी स्कूल आएं, तो उन्हें उनका स्कूल साफ सुथरा ही मिले और उसके लिए वो उन्हें स्वच्छता के प्रति प्रेरित करना चाहते हैं.



अंग्रेजी में प्रधानाचार्य को Principal और सिद्धांत को Principle कहा जाता है. दोनों शब्द सुनने में लगभग एक जैसे लगते हैं, लेकिन स्कूलों में सिद्धांतवादी प्रधानाचार्य का होना वहां के छात्रों के लिए प्रेरणादायक होता है. किसी स्कूल में 5 मुख्य सिद्धांतों का पालन होता है.


पह​ला है अनुशासन, दूसरा है समय का पालन, तीसरा है प्रार्थना, चौथा है अध्ययन और पांचवां हैं एकाग्रता. लेकिन राजकोट के इस प्राइमरी स्कूल के प्रधानाचार्य ने इन सिद्धांतों में स्वच्छता को भी अपना एक सिद्धांत बनाया है.


इन सिद्धांतों को पालन वो खुद भी करते हैं और अपने स्कूल के बच्चों को इसके लिए प्रेरित भी करते हैं.