नई दिल्ली: आज का कड़वा सच यही है कि पूरी दुनिया जब कोरोना वायरस (Coronavirus) से संघर्ष कर रही है, तब भी बहुत से देश स्वास्थ्य क्षेत्र की जगह रक्षा क्षेत्र में ज़्यादा खर्च कर रहे हैं.


पूरी दुनिया में बढ़ा सैन्य ख़र्च


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एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल पूरी दुनिया में सैन्य ख़र्च 2.6 प्रतिशत बढ़ कर 1.98 Trillion US Dollar यानी 145 लाख करोड़ रुपये हो गया. यानी जब दुनिया को जान बचाने वाली गोलियां बनानी थी, तब जान लेने वाली गोलियों पर ज़्यादा खर्च हुआ.


वेंटिलेटर जरूरी या विनाशकारी हथियार


ICU Beds और Ventilator से ज़्यादा आधुनिक टैंकों पर ख़र्च किया गया. ऑक्सीजन के उत्पादन से ज़्यादा नई और ख़तरनाक मिसाइलों पर ख़र्च बढ़ाया गया.


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वैक्सीन से ज़्यादा गोला बारूद और बन्दूकें खरीदी गईं और अस्पतालों से ज़्यादा सैन्य अड्डे बनाए गए.


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