DNA Analysis: ज्ञानवापी पर वाराणसी की जिला कोर्ट और फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सुनवाई गर्मी की छुट्टियों तक टाल दी है. अब जिला अदालत में 4 जुलाई को और फास्ट ट्रैक कोर्ट में 8 जुलाई को सुनवाई होगी. आज जिला कोर्ट ने दोनों पक्षों को सर्वे रिपोर्ट की तस्वीरें और वीडियो सौंपने के आदेश भी दिये. साथ ही दोनों पक्षों से हलफनामा भी लिया कि वो सर्वे की तस्वीरों और वीडियो को सार्वजनिक नहीं करेंगे. लेकिन इसी बीच आज ज्ञानवापी के वुजूखाने का एक वीडियो वायरल हो गया. 


फव्वारा या शिवलिंग?


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इस वीडियो में उस फव्वारे को दिखाया गया है जिसके शिवलिंग होने का दावा हिंदू पक्ष की ओर से किया जा रहा है. वीडियो कैसे वायरल हुआ और किसने किया, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है. वीडियो में आप उस फव्वारे को ज्यादा नजदीक से देख सकते हैं जिसके आदि विश्वेश्वर के पवित्र शिवलिंग होने का दावा है. वीडियो में आसपास बड़ी संख्या में वकील और वाराणसी नगर निगम के कर्मचारी भी दिखाई दे रहे हैं. संभव है कि ये वही वकील और कर्मचारी हैं जिन्हें सर्वे टीम के साथ ज्ञानवापी परिसर में जाने की इजाजत दी गई थी.


पहले से ज्यादा स्पष्ट है पत्थर की तस्वीर 


इससे पहले वुजुखाने ने का जो वीडियो सामने आया था, उसमें फव्वारे की तस्वीर इतनी स्पष्ट नहीं थी, जितनी इस वीडियो में है. पहले के वीडियो में वुजुखाने के अंदर पानी था और कुछ लोगों को पानी खाली करते हुए दिखाया गया था. जबकि ये वीडियो उस वक्त का है जब फव्वारे के आसपास पानी नहीं है और उसकी आकृति ज्यादा स्पष्ट दिखाई दे रही है.


हालांकि हिंदू पक्ष के वकीलों ने इस वीडियो के बारे में कोई जानकारी होने से इनकार किया है और कहा है कि ये उनकी तरफ से लीक नहीं किया गया है.