मिलेट्स यानी मोटे अनाज हमारी सेहत के लिए 'सुपरफूड' से कम नहीं हैं. इन अनाजों में सामान्य गेंहू के मुकाबले कई गुना ज्यादा पोषक तत्व होते हैं. यही वजह है कि संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को मिलेट्स ईयर घोषित किया था.
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मिलेट्स यानी मोटे अनाज हमारी सेहत के लिए 'सुपरफूड' से कम नहीं हैं. इन अनाजों में सामान्य गेंहू के मुकाबले कई गुना ज्यादा पोषक तत्व होते हैं. यही वजह है कि संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को मिलेट्स ईयर घोषित किया था. मिलेट्स में विटामिन, मिनरल, जिंक और तमाम तरह को पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. मोटे अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, रागी, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी और कूटू आदि पोषक तत्व और फाइबर से भरपूर होते हैं.
19वीं सदी के मध्य तक आमजन द्वारा नियमित रूप से इन अनाजों का सेवन किया जाता था. लेकिन अब इन अनाजों की उपेक्षा हो रही है. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोटे अनाजों के प्रचार-प्रसार के लिए काफी प्रयास किए हैं जिससे एक बार फिर से मोटे अनाज के प्रति जागरूकता बढ़ी है. मोटे अनाजों के फायदे इतने अधिक हैं कि इनका सेवन सेहत के लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकता है. क्या आप भी इन अनाजों के फायदों को जानते हैं? उत्तर प्रदेश के हरदोई में शतायु आयुर्वेदा एवं पंचकर्म केंद्र चलाने वाले डॉक्टर अमित कुमार ने मोटे अनाज के फायदे बताए.
दो तरह मिलेट्स
डॉ. अमित कहते हैं कि मिलेट्स, जिसे हम मोटे अनाज के नाम से जानते हैं, दो कैटेगरी में बांटे जाते हैं. एक बारीक मिलेट्स और दूसरे मोटे दाने वाले मिलेट्स. बारीक मिलेट्स में कोदो, चीना, कंगनी, रागी, सांवा, कुटकी जैसे अनाज शामिल हैं. मोटे दाने वाले मिलेट्स में बाजरा और ज्वार आते हैं. इन अनाजों में फूड फाइबर की प्रचुर मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को सही रखने में मदद करती है. इनमें आयरन और कैल्शियम की भी भरपूर मात्रा होती है, जो विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जिन्हें दूध से कैल्शियम प्राप्त करने में समस्या होती है.
कौन खा सकते हैं इन्हें?
डॉ. अमित ने बताया कि जिन लोगों को ग्लूटेन एलर्जी होती है, उन्हें भी इन अनाजों के सेवन की सलाह दी जाती है. मोटे अनाजों में विटामिन 'बी' की अच्छी मात्रा मिलती है, खासकर बाजरे में बी-3 (नियासिन) विटामिन पाया जाता है, जो ट्राइग्लिसराइड्स की मात्रा कम करने में मदद करता है. ट्राइग्लिसराइड्स दिल की बीमारी और हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ाते हैं, इसलिए इन अनाजों का सेवन कोलेस्ट्रोल के लेवल को कंट्रोल रखने में मददगार साबित हो सकता है. इसके अलावा, रागी और ज्वार मधुमेह के मरीजों के लिए भी बेहद लाभकारी हैं, क्योंकि ये शरीर में कार्बोहाइड्रेट्स के अवशोषण की गति को धीमा कर देते हैं और इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है. इससे रक्त में शर्करा की मात्रा धीरे-धीरे बढ़ती है, जो टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है.
हड्डियां मजबूत और वजन कंट्रोल में मदद
न अनाजों को 'सुपरफूड' की कैटेगरी में रखा जा सकता है क्योंकि ये न केवल पाचन को दुरुस्त रखते हैं, बल्कि हड्डियों को मजबूत बनाने, वजन कंट्रोल रखने, एनीमिया का खतरा कम करने और शरीर को गर्म रखने में भी मदद कर सकते हैं. इसके अलावा, मोटे अनाजों के सेवन से दिल भी हेल्दी रहता है और ये कैल्शियम की कमी से बचाव करते हैं. मोटे अनाजों की बढ़ती मांग के साथ, बाजार में भी इन अनाजों के विभिन्न उत्पाद उपलब्ध हो रहे हैं, जो लोगों को एक हेल्दी और बैलेंस डाइट की ओर प्रेरित कर रहे हैं.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.