DNA With Sudhir Chaudhary: हम आपको पाकिस्तान की सेना के खिलाफ एक बहुत बड़ा सबूत दिखाएंगे, जिससे पूरी दुनिया के सामने ये साबित हो जाएगा कि पाकिस्तानी सेना के अफसर आतंकवादियों को ट्रेनिंग देकर भारत भेज रहे हैं. हाल ही में कुछ आतंकवादी भारत में Serial Bomb Blast करने की योजना बने रहे थे.


पाकिस्तान सेना के मेजर ने दी ट्रेनिंग


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जब इन आतंकवादियों गिरफ्तार किया गया तो पता चला कि उन्हें ट्रेनिंग देना वाला पाकिस्तानी सेना का वही Major था, जिसने 2019 में Group Captain अभिनंदन वर्धमान को पकड़ा था. उस दौरान सामने आईं तस्वीरों में कैप्टिन अभिनंदन वर्धमान के साथ पाकिस्तानी सेना के इस Major को देखा गया था. इससे ये साबित हो जाता है कि आतंकवादियों का रिमोट कंट्रोल असल में पाकिस्तान की सेना के पास है. पाकिस्तान की सेना ही भारत में आतंकवादियों को भेज रही है और उन्हें फंडिंग भी कर रही है.


 


मुंबई बम धमाकों जैसी थी प्लानिंग


14 सितंबर 2021 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने देश के अलग-अलग शहरों से कुल 6 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था. और तब स्पेशल सेल ने बताया था कि ये आतंकवादी भारत में 1993 के मुंबई बम धमाकों की तर्ज पर एक बार फिर से आतंकवादी हमला करने की योजना बना रहे थे. इस मामले में स्पेशल सेल ने फरवरी महीने में दिल्ली की एक अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी और अब कोर्ट ने इस चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया है. 


चौंकाने वाली है चार्जशीट


इस चार्जशीट में दो आतंकवादियों को लेकर काफी चौंकाने वाली बातें बताई गई हैं. इनमें एक आतंकवादी का नाम है, जीशान कमर, जिसकी उम्र 28 साल है और ये उत्तर प्रदेश के प्रयागराज का रहने वाला है. जबकि दूसरे आतंकवादी का नाम है ओसामा उर्फ सामी, जो दिल्ली के जामिया नगर का रहने वाला है. स्पेशल सेल के मुताबिक, ये दोनों लोग पिछले साल पाकिस्तान में आतंकवाद की ट्रेनिंग लेने के लिए गए थे. इस दौरान इन्हें पाकिस्तान के सिंध प्रांत के थट्टा और करांची के एक कैंप में रखा गया था. इस कैंप की कमान, पाकिस्तानी सेना के इसी Major के पास थी. इन आंतकवादियों ने खुद अभिनंदन वर्धमान के साथ इसकी तस्वीर देख कर इसकी आलोचना की.


ISI की भी है भूमिका


इसके अलावा इस चार्जशीट में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की भूमिका का भी जिक्र किया गया है. इसके मुताबिक ISI के Handler, जिसका नाम मंसूर बताया जाता है, उसने भारत के अलग-अलग शहरों के कुछ लड़कों को जेहाद के नाम पर भड़काया और उन्हें पाकिस्तान आकर ट्रेनिंग लेने के लिए कहा. इसके लिए मंसूर नाम के इस व्यक्ति ने पहले दुबई में रहने वाले एक व्यक्ति से संपर्क किया और फिर इस व्यक्ति ने आतंकावादी जीशान कमर को ये कहा कि अगर वो भारत में बम धमाके करता है तो ये असली जेहाद होगा.


चार्टर्ड अकाउंटेंट है जीशान


बड़ी बात ये है कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज का रहने वाला जीशान कमर, पेशे से Chartered Accountant है. यानी ये पढ़ा लिखा है और 2020 में लॉकडाउन लगने से पहले वो दुबई में ही रहा करता था. लेकिन कोविड के दौरान ये भारत आया और फिर ये आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हो गया. इसके अलावा, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने इसे भारत में हथियारों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने का काम दिया था.


पांच बार देखी फिल्म सरफरोश


इस काम को करने के लिए जीशान ने वर्ष 1999 में आई फिल्म, सरफरोश, पांच बार देखी. असल में इस फिल्म में ये दिखाया गया है कि कैसे भारत में ही रहने वाले कुछ लोग इसलिए मिर्ची का कारोबार करते हैं ताकि वो मिर्ची में हथियार छिपा कर आतंकवादियों तक पहुंचा सकें. इस आतंकवादी ने भी ऐसा ही किया. इसने खजूर का व्यापार शुरू किया और फिर खजूर के बीच हथियारों को छिपा कर स्मगल करने की कोशिश की.


ड्रोन से आए थे हथियार


ये हथियार और विस्फोटक पहले Drones के जरिए पाकिस्तान से भारत के पंजाब राज्य में पहुंचाए गए. इसके बाद इन हथियारों को पंजाब से लखनऊ और फिर लखनऊ से प्रयागराज पहुंचाया गया और प्रयागराज से ये हथियार इन आतंकवादियों तक पहुंचने थे. इससे आप समझ सकते हैं कि कैसे पाकिस्तान की सेना और उसकी खुफिया एजेंसी ISI भारत में आतंकवादियों को कंट्रोल करती है.