नई दिल्ली : समुदायों के बीच किसी भी तरह की ‘असहिष्णुता’ नहीं पनपने देने की अपील करते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि धर्म या संप्रदाय के नाम पर राजनीति अस्वीकार्य है और किसी के साथ आस्था, जाति या पंथ के नाम पर भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने भारतीय पुलिस की छवि को बदले जाने की भी आवश्यकता बताई जिससे खाकी वर्दीधारी को देख कर लोगों के मन में भय की जगह विश्वास जगे।


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उन्होंने कहा कि हाल में दादरी, फरीदाबाद और पंजाब की घटनाओं से पैदा हुए तनाव के बीच वह दशहरा के अवसर पर यह अपील कर रहे हैं। नीतिगत विषयों पर गठित एक नए विचार समूह का उद्घाटन करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान सिंह ने कहा, प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया के जरिए मिल रही असहिष्णुता की खबरें बहुत चिंता की बात है। हमारे लिए ये चिंता के मुद्दे हैं। 


गृह मंत्री ने कहा कि वह दशहरा से एक दिन पहले सभी नागरिकों से अपील कर रहे हैं कि वे यह याद रखें कि भारत अकेला ऐसा देश है जिसने ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ यानी सारा विश्व एक परिवार है का संदेश दिया। उन्होंने कहा, ‘हमें जाति, पंथ, धर्म के आधार पर असहिष्णुता की शिकायतें नहीं मिलनी चाहिएं।’ सिंह ने बताया कि उन्होंने इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा है कि वे वहां हुई घटनाओं से उत्पन्न स्थिति पर नजर रखें और शांति तथा कानून व्यवस्था बनाए रखें।


इस बीच पुलिस के बारे में उन्होंने कहा कि भारत की पुलिस के बारे में लोगों के मन में जो तस्वीर है उसे बदलने की जरूरत है। गृह मंत्री ने कहा, जब लोग पुलिस वाले को देखते हैं तो भयभीत हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस स्थिति को बदले जाने की आवश्यकता है और खाकी वर्दीधारी को देख कर लोगों में भय की जगह विश्वास जगना चाहिए।