Swami Prakashananda Giri: कभी दाऊद के नाम की ली थी सुपारी, वो डॉन बना प्रकाशानंद गिरी; जानिए पूरी क्राइम कुंडली
Mandaleshwar news : क्या अपराधियों को मठ और मंदिरों को चलाने की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए? ये सवाल आज हर आम इंसान पूछ रहा है. लोगों का कहना है कि जिस व्यक्ति का इतिहास ही खराब हो जिसके हाथ खून से रंगे हो क्या वो अब संन्यासी बनकर समाज को आइना दिखाएगा.
Don Prakash Pandey crime Kundali: उत्तराखंड की अल्मोडा जेल में बंद एक दुर्दांत अपराधी और 90 के दशक के डॉन रहे प्रकाश पांडे उर्फ पीपी को जूना अखाड़ा के मंदिर और मठों की जिम्मेदारी दी गई है. हरिद्वार से आए श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के लोगों ने उसे जेल में जाकर दीक्षा दिलाई. इसके साथ ही उसे कई मठों का उत्तराधिकारी घोषित करते हुए प्रकाशानंद गिरी नाम दे दिया गया. यानी एक अपराधी जिसपर हत्या, अपरहण, फिरौती जैसे कई मामले दर्ज है, जो अपराधी अंडरवर्ल्ड की दुनिया का हिस्सा भी रह चुका है. उसे अब मंदिर और मंठों की जिम्मेदारी सौंप दी गई है.
डॉन को महंत बनाने पर सवाल खड़े हो रहे हैं. क्या अपराधियों को मठ और मंदिरों को चलाने की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए? ये वो सवाल हैं, जिनका जवाब आज हर आम इंसान पूछ रहा है. लोगों का कहना है कि जिस व्यक्ति का इतिहास खराब हो, हाथ खून से रंगे हो वो अब संन्यासी बनकर समाज को आइना दिखाएगा?
समाज को क्या संदेश जाएगा?
90 के दशक का एक डॉन अब जूना अखाड़े के कई मठों और आश्रमों का उत्तराधिकारी बन गया है. लोगों का कहना है कि जिसके हाथ खून से सने हों. जिस पर हत्या, फिरौती, रंगदारी के कई मामले चल रहे हों, खुद वो जेल में बंद हो और उस अपराधी को कई मंदिरों और मठों के संचालन की जिम्मेदारी दे दी जाएगी तो भला समाज को क्या संदेश जाएगा.
जेल जाकर दी गई दीक्षा
कुख्यात डॉन प्रकाश पांडे आज धर्म का चोला पहनकर स्वामी प्रकाशानंद गिरी बन गया है. आपको सुनने में अजीब लगेगा, लेकिन ये सच है कि एक कुख्यात अपराधी और 1990 के दशक के डॉन को श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा महामंडलेश्वर का उत्तराधिकारी बना दिया गया है. सबसे ज्यादा हैरानी का बात तो ये है कि प्रकाश पांडे उर्फ पीपी को जेल जाकर गुरू दीक्षा दी गई और जूना अखाड़े में शामिल किया गया. प्रकाश पांडे नाम से पहचाना जाने वाला इस अपराधी को नया नाम प्रकाशानंद गिरी दिया गया है.
कौन है पीपी 'भाई' अब बना मंंडलेश्वर
प्रकाश पांडे उर्फ पीपी का 90 के दशक में कुमाऊं मंडल में अपराध के मामले में काफी दबदबा था. उत्तराखंड में तस्करी माफिया बनने के बाद ये मुंबई चला गया. वहां इसने अंडरवर्ल्ड की दुनिया में पहला कदम रखा. वहीं इसकी मुलाकात छोटा राजन से हुई. जिसके इशारे पर ये अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम को मारने के लिए पाकिस्तान तक पहुंच गया. साल 2010 में पीपी को वियतनाम से गिरफ्तार किया गया था. तब से वो जेल में बंद है.