मेरठः उत्तर प्रदेश में मेरठ जिले के थाना मवाना क्षेत्र में दलित नेता व संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर की मूर्ति कथित रूप से खंडित होने से तनाव उत्पन्न हो गया. दलित समाज के गुस्साये लोगों ने घटना के विरोध में मेरठ-मवाना सड़क जाम कर दी और हंगामा किया. मौके पर पहुंचे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने हंगामा कर रहे लोगों को खंडित मूर्ति के स्थान पर नई मूर्ति लगवाने का भरोसा देकर किसी तरह स्थिति को शांत किया. थाना मवाना पुलिस के अनुसार छोटा मवाना में ग्राम पंचायत के तालाब की भूमि पर काफी समय पहले दलित समाज द्वारा बाबा अंबेडकर की मूर्ति स्थापित की गई थी. देर रात अज्ञात लोगों ने कथित रूप से मूर्ति को खंडित कर दिया.


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बुधवार सुबह स्थानीय दलित समाज के लोगों को जैसे ही मूर्ति खंडित होने का पता चला तो उन्होंने हंगामा करते हुए मेरठ-मवाना सड़क पर जाम लगा दिया. पुलिस क्षेत्राधिकारी यूएन मिश्रा ने को बताया कि फिलहाल हालात पूरी तरह सामान्य हैं. पुलिस क्षेत्राधिकारी के अनुसार खंडित मूर्ति की जगह नई मूर्ति स्थापित करा दी गई है. उन्होंने बताया कि फिलहाल घटना के संबंध में पुलिस को कोई तहरीर नहीं दी गई है. उन्होंने बताया कि प्रारभिक जांच के आधार पर घटना में किसी की साजिश दिख रही है. ‌पुलिस घटना की जांच में जुटी है.


 



आपको बता दें कि मंगलवार को त्रिपुरा में दो जगहों पर लेनिन की प्रतिमा को गिराया गया था. रात होते-होते तमिलनाडु के वेल्लोर से द्रविड़ आंदोलन के नेता रहे पेरियार की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किए जाने की खबर आई थी. बुधवार सुबह तक कोलकाता में जनसंघ के संस्थापक डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा को भी कुछ उत्पाती लोगों ने नुकसान पहुंचा दिया. 


गृह मंत्रालय ने कहा- ऐसे लोगों पर सख्‍त कार्रवाई हो
वहीं, गृह मंत्रालय ने देश में जगह-जगह तोड़ी जा रही मूर्तियों की घटनाओं पर चिंता जाहिर की है. गृह मंत्रालय ने कहा कि ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे लोगों पर सख्‍त कार्रवाई की जाए. इस बाबत राज्‍य सरकारों को एडवाइजरी भी जारी की गई है. गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आधिकारिक बयान में कहा गया है, "ऐसे कृत्यों में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और कानून के प्रांसगिक प्रावधानों के तहत उन पर मामले दर्ज किए जाने चाहिए." 



पीएम मोदी ने की घटना की निंदा
सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक कोलकाता में मूर्ति तोड़े जाने की घटना पर प्रधानमंत्री मोदी ने कड़ा ऐतराज जताया है.वहीं, बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने इस पर चिंता जताई है. अमित शाह ने कहा कि इस तरह मूर्तियां तोड़े जाना दुर्भाग्यपूर्ण हैं. अमित शाह ने कहा, हम मूर्ति तोड़ने वालों का समर्थन नहीं करते हैं, लेकिन हमें इस बात को भी समझना जरूरी है कि भारत में अलग-अलग विचारधारा के लोग रहते हैं.



शाह ने ट्विटर पर नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा कि उन्होंने पार्टी के नेताओं को त्रिपुरा और तमिलनाडु में हुई मूर्ति तोड़ने की घटना के बारे में जांच करने के लिए कहा है. शाह ने लिखा कि अगर मूर्ति तोड़ने की किसी भी घटना में बीजेपी का कोई कार्यकर्ता या नेता शामिल होता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. 


त्रिपुरा से शुरू हुआ सारा विवाद
दक्षिण त्रिपुरा में बीजेपी कार्यकताओं द्वारा रूसी कम्युनिस्ट क्रांतिकारी व्लादिमीर लेनिन की दो प्रतिमाएं तोड़े जाने के बाद त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल सहित देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसा भड़क उठी है. इससे पहले आई रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को बेलोनिया में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने एक बुलडोजर की मदद से 11.5 फीट ऊंची लेनिन की प्रतिमा को गिरा दिया था. 


कांग्रेस ने बीजेपी और RSS को बनाया निशाना
वहीं, इस मामले में कांग्रेस ने बीजेपी और आरएसएस को निशाना बनाया है. कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि वह इन सारी घटनाओं को खुद अंजाम दे रही है.