Manmohan Singh Gah Village Pakistan: हिंदुस्तान ने अपनी अर्थव्यवस्था के भीष्म पितामह को खो दिया. जी हां पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह अब इस दुनिया में नहीं रहे. गुरुवार को दिल्ली AIIMS में उन्होंने 9 बजकर 51 मिनट पर आखिरी सांस ली. उन्हें बेहोश हो जाने के बाद अस्पताल ले जाया गया था. मनमोहन सिंह के देहांत के बाद लोग उनकी जिंदगी से जुड़ी अहम घटनाओं को याद कर रहे हैं, लेकिन इस खबर में हम आपको मनोहन सिंह से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में ज्यादा लोग नहीं जानते.


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ये तो सभी जानते हैं कि मनमोहन सिंह का जन्म साल 1932 में अविभाजित भारत के पंजाब 'गाह' गांव में हुआ था, ये गांव अब पाकिस्तान में है. पाकिस्तानी पंजाब के चकवाल जिले का 'गाह' गांव अचानक तब सुर्खियों में आ गया था जब मनमोहन सिंह के करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन में जाने की खबरें मीडिया में आईं. ऐसे में गाह गांव के लोगों को उम्मीद थी कि मनमोहन सिंह उस जगह पर आएंगे जहां उन्होंने अपना पचपन गुजारा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. 



हालांकि उस गांव को लेकर कई तरह के वीडियो सामने आए और दिखाया गया कि मनमोहन सिंह का घर कैसा था, वो किस स्कूल में पढ़ते, साथ ही उस स्कूल का रिकॉर्ड भी देखने को मिला जहां पूर्व प्रधानमंत्री पढ़ते थे. मनमोहन सिंह ने गाह गांव के 'गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल' में ही पहली बार दाखिला लिया था. इस स्कूल में मनमोहन सिंह ने 17 अप्रैल 1937 को कक्षा 1 में एडमिशन लिया था और उनका यहां रोल नंबर 187 हुआ करता था.



उस जमाने में गाह का 'गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल' में कक्षा 4 तक ही पढ़ाई हुआ करती थी. इसलिए मनमोहन सिंह भी यहां पर सिर्फ कक्षा 4 तक पढ़ाई हासिल कर पाए. इस स्कूल में आज भी उनके रिकॉर्ड मौजूद है. स्कूल में मौजूद रिकॉर्ड के मुताबिक जब कक्षा 2 के नतीजे आए तो मनमोहन सिंह अपनी क्लास में 22वें नंबर पर थे. कक्षा में मनमोहन सिंह के 60 में से 39 नंबर आए थे. 



 


वहीं अगर कक्षा तीन की बात करें तो मनमोहन सिंह 18वें नंबर आए थे. जबकि उन्होंने 60 में 55 नंबर हासिल किए थे. हालांकि कक्षा 4 में मनमोहन सिंह 15वें नंबर पर थे.कक्षा 4 तक पढ़ाई करने के बाद मनमोहन सिंह आगे की पढ़ाई के लिए यहां से चले गए थे. स्कूल में मौजूद दस्तावेजात के मुताबिक मनमोहन सिंह 31 मार्च 1941 को यहां से चले गए थे.