DRDO ने 45 दिन में खड़ी कर दी 7 मंजिला इमारत, IAF के लिए होगी इस्तेमाल
DRDO constructs building: इस प्रोजेक्ट की आधारशिला 22 नवंबर, 2021 को रखी गई और निर्माण का काम एक फरवरी को शुरू हुआ. इसका इस्तेमाल भारत की वायुसेना करेगी.
नई दिल्ली: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बेंगलुरु के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (ADE) में उड़ान नियंत्रण प्रणाली के लिए संस्थानिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके रिकॉर्ड 45 दिन में एक बहुमंजिला इमारत का निर्माण किया है. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. इस सात मंजिला इमारत में भारतीय वायु सेना (IAF) के लिए पांचवीं पीढ़ी के, मध्यम वजन के, गहरे तक मार करने वाले लड़ाकू विमानों को विकसित करने के लिए अनुसंधान एवं विकास सुविधाएं होंगी.
एक अधिकारी ने बताया कि DRDO ने एडीई, बेंगलुरु में उड़ान नियंत्रण प्रणाली के लिए हाइब्रिड प्रौद्योगिकी के जरिए एक बहु-मंजिला बुनियादी ढांचे के निर्माण को रिकॉर्ड 45 दिन में पूरा किया. उन्होंने कहा कि परिसर में उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (AMCA) परियोजना के तहत लड़ाकू विमान और उड़ान नियंत्रण प्रणाली (FCS) के लिए नए मानक विकसित करने की सुविधा मिलेगी.
पांचवी पीढ़ी के विमानों पर फोकस
भारत अपनी वायु शक्ति क्षमता को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाने के मकसद से उन्नत स्टील्थ सुविधाओं से लैस पांचवीं पीढ़ी के मध्यम वजन के, गहरे तक मार करने वाले लड़ाकू विमान विकसित करने के लिए महत्वाकांक्षी एएमसीए परियोजना पर काम कर रहा है. इस परियोजना की प्रारंभिक विकास लागत लगभग 15,000 करोड़ रुपये आंकी गई है.
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रक्षा मंत्री करेंगे उद्घाटन
रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को बताया था कि एएमसीए के डिजाइन और प्रोटोटाइप (नमूना) विकास के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCS) की मंजूरी प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बृहस्पतिवार को इमारत का उद्घाटन करेंगे. अधिकारियों ने बताया कि इमारत का निर्माण AMCA प्रोजेक्ट और संबंधित गतिविधियों के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा प्रदान करने के उद्देश्य से केवल 45 दिन की ‘न्यूनतम समय सीमा’ में समग्र निर्माण तकनीक का उपयोग करके किया गया है.
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इस परियोजना की आधारशिला 22 नवंबर, 2021 को रखी गई थी और वास्तविक निर्माण कार्य एक फरवरी से आरंभ हुआ. इस परियोजना में शामिल एक अधिकारी ने कहा, ‘हाइब्रिड निर्माण तकनीक के साथ एक स्थायी और कार्य संचालन के लिए पूरी तरह तैयार सात मंजिला इमारत का निर्माण कार्य पूरा करने का यह एक अनूठा रिकॉर्ड है और ऐसा देश में पहली बार हुआ है.’
(इनपुट: भाषा)
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