नई दिल्ली/मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ED)) ने PMLA के तहत अनिल देशमुख, उनकी पत्नी आरती देशमुख और कंपनी प्रीमियर पोर्ट लिंक्स प्राइवेट लिमिटेड की 4.20 करोड़ रुपये की संपत्ति अस्थायी रूप से अटैट की है. अटैच की गई संपत्ति में एक वर्ली, मुंबई में एक रेजिडेंशियल फ्लैट है, जिसकी कीमत 1.54 करोड़ रुपये है. इसके अलावा  Premier Port links PVT LTD के नाम पर महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में 2.67 करोड़  रुपये की कीमत के 25 जमीन के टुकड़े हैं. 


इस मामले में हुई है कार्रवाई 


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ईडी ने IPC की धारा 120-B, 1860 और PM अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत सीबीआई, नई दिल्ली द्वारा अनिल देशमुख और अन्य के खिलाफ अनुचित और गलत तरीके से लाभ प्राप्त करने के मामले में दर्ज FIR के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की. मुंबई में तमाम बार, रेस्तरां और अन्य प्रतिष्ठानों से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली के मामले में देशमुख की मुश्किलें पहले से बढ़ी हुई हैं. PMLA के तहत जांच से पता चला कि अनिल देशमुख ने महाराष्ट्र राज्य के गृह मंत्री के रूप में कार्य करते हुए, गलत तरीके से मुंबई पुलिस के तत्कालीन सहायक पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वझे के माध्यम से तमाम ऑर्केस्ट्रा बार मालिकों से लगभग 4.70 करोड़ रुपये नकद रिश्वत के तौर पर लिए थे.


मनी लॉन्ड्रिग के जरिए ट्रस्ट में पैसा


इसके अलावा, दिल्ली स्थित डमी कंपनियों की मदद देशमुख परिवार ने 4.18 करोड़ श्री साईं शिक्षण संस्था नाम के ट्रस्ट में लिये गये और फिर अपनी कंपनियों में ट्रांसफर किय. जांच में आगे पता चला कि मुंबई के वर्ली में स्थित फ्लैट अनिल देशमुख की पत्नी आरती देशमुख के नाम पर रजिस्टर्ड है. इस फ्लैट का पूरा भुगतान सन् 2004 में कैश किया गया, हालांकि इसकी रजिस्ट्री फरवरी 2020 में करवाई गई. इस दौरान अनिल देशमुख महाराष्ट्र राज्य के गृह मंत्री थे.


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मामूली रकम देकर कंपनी की आधी ऑनरशिप


 इसके अलावा देशमुख परिवार ने मेसर्स प्रीमियर पोर्ट लिंक्स प्राइवेट लिमिटेड में 50% स्वामित्व हासिल कर लिया है. इस फर्म की संपत्ति में जमीन, दुकानों आदि की कीमत लगभग 5.34 करोड़ रुपये है लेकिन देशमुख फैमिली ने मात्र 17.95 लाख रुपये भुगतान करके ही कंपनी की 50 प्रतिशत ऑनरिशप ले ली.


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