ED Raid at Chattisgarh IAS: ED ने छत्तीसगढ़ के IAS समीर बिश्नोई समेत तीन आरोपियों को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है. तीनों आरोपियों को अदालत में पेश कर पूछताछ के लिए आठ दिन की रिमांड पर लिया गया है. ED ने ये मामला कर्नाटका के बैंगलुरू में चल रहे केस के आधार पर दर्ज किया था. ये मामला छत्तीसगढ़ के कारोबारी और सरकार के करीबी सूर्यकांत तिवारी के खिलाफ दर्ज किया गया था. आरोप है कि सूर्यकांत तिवारी छत्तीसगढ़ के अधिकारियों और नेताओं के साथ मिल कर “सरकारी एक्सटॉर्शन” का रैकट चला रहा है. छत्तीसगढ़ के कोयला व्यापारियों से 25 रुपये प्रति टन रिश्वत (कमीशन) लिया जा रहा है.


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जून में हुई छापेमारी में मिला सबूत


एजेंसी ने जांच शुरू की तो पता चला कि सूर्यकांत तिवारी M/s Jai Ambe Group नाम से कंपनी चलाता है और इस पर जून 2022 में इनकम टैक्स ने छापेमारी की थी जिसकी जानकारी ED के साथ भी साझा की गई. इनकम टैक्स की छापेमारी में पता चला था कि सूर्यकांत तिवारी उसके भाई रजनीकांत तिवारी और उसके लिए काम करने वाले लोग हेमंत जायसवाल, जोगेंद्रा सिंह, मोइनूद्दीन कुरैशी, निखिल चंद्राकर और रोशन सिंह बाकी आरोपियों के साथ मिल कर “सरकारी एक्सटॉर्शन” का रैकेट चला रहे हैं. छापेमारी के दौरान आरोपियों ने वहां मौजूद सबूतों को नष्ट करने की कोशिश भी की थी लेकिन इनकम टैक्स अधिकारियों ने किसी तरह सबूतों को बचाया.


कई बड़े नाम हैं इस खेल में शामिल


इनकम टैक्स को दिये गए बयानों से एजेंसी को पता चला कि 25 रुपये प्रति टन रिश्वत का नेटवर्क खनन अधिकारियों, जिला अधिकारियों के साथ मिल कर चलाया जा रहा है, जिसमें IAS समीर बिश्नोई, IAS रानू साहू, और उनके पति IAS जे पी मौर्या के साथ छत्तीगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दफ्तर की बड़ी अधिकारी सौम्या चौरसिया भी शामिल है. इनके अलावा इस नेटवर्क में सूर्यकांत तिवारी का भाई रजनीकांत तिवारी, रोशन सिंह, निखिल चंद्राकर, मोइनुद्दीन कुरैशी, हेमंत जायसवाल और जोगिंदर सिंह भी शामिल है.


आईएएस समीर विश्नोई भी गिरफ्तार


एजेंसी की जांच में पता चला कि ये सभी आरोपी मिल कर जो “सरकारी एक्सटॉर्शन” का रैकेट चला रहे थे उसमें से बड़ा हिस्सा सरकारी अधिकारियों, नेताओं को दिया जा रहा था और चुनावों के लिए भी इस्तेमाल किया गया था. इन्हीं आरोपियों पर की गई छापेमारी में गिरफ्तार आरोपी IAS समीर बिश्नोई के बारे में पता चला था जिसके बाद ED ने छापेमारी के बाद समीर बिश्नोई को गिरफ्तार किया. जांच के मुताबिक समीर बिश्नोई जुलाई 2020 में खनन विभाग के डायरेक्टर थे और अगस्त महीने में सरकारी आदेश जारी किया कि जो भी खनन ट्रांसपोर्ट के जरिये निकाला जाएगा उसकी NOC ऑनलाइन नहीं बल्कि विभाग से लिखित तौर पर इजाजत ली जाए और इसी ने भ्रष्टाचार का पेंडोरा बॉक्स खोल दिया.


समीर के घर से मिला था 47 लाख कैश


समीर बिश्नोई के घर छापेमारी में ED को 47 लाख कैश और करीब चार किलो ज्वैलरी बरामद हुई, जब एजेंसी ने समीर बिश्नोई से नकदी और ज्वैलरी के बारे में पूछताछ की तो उसने अपनी पत्नी प्रीति गोदारा को जानकारी होने की बात कही जिसके बाद पत्नी से भी एजेंसी ने पूछताछ की. हालांकि पत्नी ने इन ज्वैलरी को गिफ्ट के तौर पर मिलने की बात कही लेकिन कहां से और कैसे मिले, इसकी बारे में कोई जानकारी नहीं दे पाई।  एजेंसी को घर को डायरी भी मिली जिसमें हाथ से किसी मुल्कराज के बारे में लिखा हुआ था जिसे संपत्ति खरीदने के लिये 5 करोड़ रुपये दिए गए थे. ये लिखाई समीर बिश्नोई की पत्नी की थी जिसे खुद बयानों प्रीति गोदारा ने माना। इनकम टैक्स को जून 2022 में छापेमारी के दौरान एक नोट मिला था जिसमें समीर बिश्नोई को रोशन कुमार सिंह के जरिए 9 मार्च 2022 को 50 लाख रुपये देने की बात भी कही गई थी, इसके अलावा भी समीर बिश्नोई के नाम की काफी सारी एंट्री इनकम टैक्स को मिली थी जिससे साफ हो गया था कि कैसे समीर बिश्नोई इस पूरे “सरकारी एक्सटॉर्शन” में शामिल है.


कैश उठाने के लिए अलग लोग


एजेंसी के मुताबिक सूर्यकांत तिवारी ने अपना ऐसा नेटवर्क बना रखा था जिसमें जिला अधिकारियों से लेकर कैश उठाने वाले लोग शामिल थे और जब तक सूर्यकांत तिवारी के पास 25 रुपये प्रति टन के हिसाब से पैसे नहीं पहुंच जाते थे तब तक जिला अधिकारी के दफ्तर से कोयले को ले जाने की इजाजत नहीं मिलती थी. जांच के मुताबिक पिछले 16 महीनों में ही सूर्यकांत तिवारी और अधिकारियों के इस नेक्सस ने 500 करोड़ रुपये का “सरकारी एक्सटॉर्शन” किया है.


एक महीने में ही खरीद ली कंपनी


ED की जांच में ये भी पता चला कि सूर्यकांत तिवारी के चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी और सुनील अग्रवाल इस पुरे नेटवर्क में उसके साथ शामिल हैं. सुनील अग्रवाल की M/s KJSL Coal & Power Ltd नाम से कंपनी है और पिछले करीब 15-20 साल से सूर्यकांत से दोस्ती है. इसी साल जुलाई अगस्त के महीने में सुनील अग्रवाल ने सूर्यकांत तिवारी की कंपनी M/s Maa Madwarani Coal Beneficiation Pvt Ltd(MCBPL) से 35 करोड़ रुपये में दो Coal Washeries खरीदी है जो कोरबा और बिलासपुर में है. हैरानी की बात ये है कि सूर्यकांत तिवारी ने इन दोनों Coal Washeries को शिखर अग्रवाल और शैलेश अग्रवाल की कंपनियां M/s SPIL और M/s IUIPL से जबरदस्ती यानी दबाव डालकर खरीदी थी. इससे भी ज्यादा हैरानी की बात ये है कि सूर्यकांत ने अपनी जिस कंपनी  M/s Maa Madwarani Coal Beneficiation Pvt Ltd(MCBPL) के जरिये इन दोनों कपंनियों को खरीदा था वो फरवरी 2022 में ही बनाई गई थी यानी एक महीनें के अंदर पहले दो कंपनियां खरीदी गई और फिर दो महीने में ही इन दोनों कंपनियों को बेच दिया गया. एजंसी को शक है कि ये सब ब्लैकमनी को रूट करने का एक तरीका है जिसमें सूर्यकांत तिवारी के साथ सुनी अग्रवाल शामिल है. इसमें सबसे ज्यादा हैरानी की बात ये है कि सुनील अग्रवाल ने ED को बताया कि वो सूर्यकांत तिवारी को पिछले 15-20 सालों से जानता है लेकिन किसी तरह का व्यवसायिक संबध नहीं है लेकिन सूर्यकांत तिवारी की कंपनी खरीदने पर कहा कि उसे दोनों कंपनियों के सूर्यकांत तिवारी के होने की जानकारी नहीं थी जो अपने आप में हैरानी की बात है.


सूर्यकांत तिवारी के कहने पर चाचा ने खरीदी संपत्ति


एजेंसी ने जब सूर्यकांत तिवारी के चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी के यहां छापेमारी की तो पता चला कि वो घर पर नहीं है और एक होटल में अपने बेटे के साथ छिपा हुआ है. वहां से एजेंसी ने लक्ष्मीकांत तिवारी को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पता चला कि सूर्यकांत तिवारी के नेक्सस में वह पूरी तरह शामिल है और रोजाना करीब 50 लाख से 2 करोड़ रुपये लक्ष्मीकांत तिवारी के घर पर रखे जाते थे जो सूर्यकांत तिवारी के हैं. इससे पहले भी जब इनकम टैक्स ने लक्ष्मीकांत तिवारी के घर पर सर्च की थी तो 6 करोड़ कैश और 3.24 करोड़ की ज्वैलरी बरामद की थी। जांच में ये भी पता चला कि अब तक करीब 100 करोड़ रुपये लक्ष्मीकांत के पास रखे जा चुके हैं जिसे अलग-अलग समय पर निकाला गया। इसके अलावा काफी सारी संपत्तियों का पता चला जो लक्ष्मीकांत तिवारी ने अपने भतीजे सूर्यकांत तिवारी के कहने पर खरीदी यानी बेनामी संपत्ति.


सीएम के ऑफिस में काम करने वाली सौम्या चौरसिया भी सवालों में


इसके अलावा इनकम टैक्स अलग-अलग समय पर इनकम टैक्स छत्तीसगढ के सरकारी अधिकारियों पर छापेमारी कर अवैध लेन-देन के सबूत जुटा चुकी है. मार्च 2020 में इनकम टैक्स ने छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दफ्तर में काम करने वाली अधिकारी सौम्या चौरसिया के घर और ठिकानों पर भी छापेमारी की थी. सौम्या चौरसिया मुख्यमंत्री की काफी करीबी अधिकारी हैं और जांच में पता चला था कि कैसे घर में काम करने वाली नौकरानी बबिता महंत के जरिये लाखों की ट्रांजेक्शन की है, इसके अलावा डिजिटल सबूत मिले जिसमें सौम्या चौरसिया के मुख्यमंत्री के बेटे चैत्नय बघेल से अवैध लेन-देन के भी सबूत मिले थे.


दो आईएएस के घर छापे मारकर जुटाए सबूत


उस दौरान इनकम टैक्स ने सौम्या के अलावा नान घोटाले के आरोपी IAS अनील टूटेजा और IAS अनिल ढांढ के ठिकानों पर भी छापेमारी कर आपस में अवैध लेन-देन के सबूत जुटाए थे और इसी के बाद इनकम टैक्स ने अक्टूबर 2021 में छत्तीसगढ़ के चीफ सेक्रेटरी को चिट्ठी लिख इन तीनों अधिकारियों पर कारवाई करने के लिए कहा था लेकिन बावजूद इसके अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. अब राज्य के एक IAS अधिकारी की गिरफ्तारी और सरकार के करीबियों पर छापेमारी के बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में कुछ और अधिकारी और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है.


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