क्या मध्य प्रदेश में बदल जाएंगे 55 जगहों के नाम, लिस्ट हो गई तैयार, हरी झंडी का इंतजार ?
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क्या मध्य प्रदेश में बदल जाएंगे 55 जगहों के नाम, लिस्ट हो गई तैयार, हरी झंडी का इंतजार ?

MP News: मध्य प्रदेश में भी नाम बदलों राजनीति शुरू होते दिख रही है. बताया जा रहा है कि करीब 55 जगहों की लिस्ट तैयार हुई है, जिनके नाम बदलने की मांग उठ रही है.  

 

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MP News:  मध्य प्रदेश के 55 जगहों के नाम बदलने की मांग तेज होती दिख रही है. पिछले कुछ सालों में देश में नाम बदलना सिर्फ जरूरत ही नहीं राजनीति का हिस्सा भी बनी है. वैसे तो कहा जाता है कि नाम में क्या रखा है, लेकिन शेक्सपियर के इस वाक्य का भारतीय राजनीति में कोई लेना देना नहीं दिखता है. यूपी से लेकर अब एमपी तक में नाम बदले की मांग समय समय पर उठने लगी है. अलग- अलग पार्टी के नेता इसे राजनैतिक मुद्दा बनाकर इस पर वाद विवाद भी करते रहते हैं. हाल ही में उज्जैन के 3 गांवों के नाम बदले गए थे. सीएम मोहन यादव द्वारा तीन गांवों के नाम बदलने के बाद अब महाकाल मंदिर क्षेत्र के नाम बदलने की मांग हो रही है.

उज्जैन के 3 गांवों के बदले गए नाम
मध्यप्रदेश के उज्जैन में कुछ दिन पहले 3 गांवों के नाम बदले गए थे, जहां मौलाना गांव का नाम विक्रम नगर, जहांगीरपुर का नाम जगदीशपुर और गजनी खेड़ी को अब चामुंडा माता गांव के नाम से जाना जाएगा. सीएम द्वारा गांवों के नाम को बदले जाने पर भी बहसबाजी शुरू हुई थी जो इस मुद्दे को और भी ज्यादा गर्म बना दिया. मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा विरोध किया गया था साथ ही उनका कहना था कि, पुराने नामों से उन इलाकों की पहचान है. इससे प्रदेश के विकाश का कोई लेना-देना नहीं है. सीएम द्वारा किए इस बदलाव के बाद से उज्जैन के महाकाल मंदिर के पास सटे इलाकों के नामों में भी बदलाव करने की मांग उठ रही है.

55 जगहों के नाम बदलने की मांग
नाम बदलने की सिलसिला तो शिवराज सिंह चौहान के समय से शुरू है. उन्होंने अपने सरकार में भी एमपी के कई शहरों के नामों में बदलाव किया था. अब सीएम मोहन यादव भी उसी राह पर चलते दिख रहे हैं. सीएम ने कुछ दिन पहले ही उज्जैन के 3 गांवों के नाम बदले जाने का आदेश दिया था. अब एमपी के 55 जगहों के नाम बदलने की मांग उठ रही है. भोपाल के 12, उज्जैन के 5, रायसेन के 12, सीहोर के 4, विदिशा के 3,  मंदसौर के 4 नाम बदलने और महाकाल से सटे इलाके इस लिस्ट पर टॉप पर हैं. 

नाम पर बयानबाजी शुरू
इस मामले पर राजनीतिक बयानबाजी शुरु हो गई है. कांग्रेस के प्रवक्ता का कहना है कि, सरकार सिर्फ मुस्लिम नामों में ही क्यों बदलाव कर रही है. अगर नामों में बदलाव करना है तो प्रदेश में कई एससी/एसटी कम्युनिटी के नामों के आधार पर गांव के नाम रखे गए है, उन नामों में भी बदलाव होना चाहिए. इधर भाजपा का कहना है कि कांग्रेस इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है हम सिर्फ गुलामी के दौर से चले आ रहे नामों को बदल रहे हैं.

एमपी में कहां- कहां बदले गए नाम
शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में इस्लामनगर का नाम जगदीशपुर, होशंगाबाद का नाम नर्मदापुरम, नसरुल्लागंज का नाम भेरूंदा, हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन, मिंटो हॉल का नाम कुशाभाऊ ठाकरे सभागार और बिरसिंहपुर पाली टाउन को मां बिरासनी धाम के नाम से बदला गया था.

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