कोलकाता: पश्चिम बंगाल (West Bengal) के बीरभूम जिले में स्थित विश्व भारती यूनिवर्सिटी (Vishva Bharati University), शांति निकेतन में हुई तोड़फोड़ को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने खुद ही संज्ञान में लिया है और इस मामले में जांच शुरू कर दी है. ईडी ये जांच करेगा कि जो लोग कैंपस में घुसे और तोड़फोड़ को अंजाम दिया, क्या किसी व्यक्ति या संस्था के जरिए उनको इस काम के लिए पैसा दिया गया था. ईडी ने जिला और राज्य प्रशासन से इस मामले में हुई एफआईआर, सारे कागजात और बाकी जानकारिया भी मांगी है.


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एक वरिष्ठ ईडी अधिकारी ने इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया, ‘हमने इस मामले में जांच शुरू कर दी है. हमने राज्य सरकार से कागजात और एफआईआर मांगी हैं. हम सभी कागजातों को परखेंगे और तब केस दर्ज करेंगे’. 


गौर करने वाली बात ये है कि ये दूसरी बार है कि ईडी ने किसी स्थानीय कानून व्यवस्था के मामले में किसी जांच की पहल की है. इससे पहले मार्च 2020 में ईडी ने गार्डन रीच कोलकाता के पीएमएलए केस में ऐसा किया था. तब 7 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, जिनमें से तृणमूल कांग्रेस के 2 पार्षद भी शामिल थे.


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क्या है मामला
सोमवार को यूनिवर्सिटी के पौष मेला ग्राउंड के चारों तरफ बाउंड्री वॉल खड़ी करने के फैसले के खिलाफ स्थानीय व्यापारियों और यूनिवर्सिटी प्रशासन के बीच काफी बड़ा टकराव हुआ था. प्रशासन ने पहले ही ये सूचना दे दी थी कि पौष मेला को वो यूनीवर्सिटी ग्राउंड पर नहीं होने देंगी क्योंकि मेले के बाद ये काफी दुष्प्रभाव छोड़ जाता है. जिससे प्रकृति पर भी बुरा असर पड़ता है. सोमवार को जब स्थानीय व्यापारियों ने देखा कि दीवार का निर्माण तेजी से जारी है तो वो मौके पर पहुंचे और तोड़फोड़ कर डाली.


घटना के वीडियो से पता चलता है कि टीएमसी विधायक नरेश बौरी भी भीड़ के हमले के समय मौके पर मौजूद थे. विरोध करने वालों ने एक पेलोडर को कहीं से उठाया और उससे पौष मेला ग्राउंड की दीवार ढहा दी. इस वीडियो में बाउंड्री वॉल को भी तोड़ते हुए देखा जा सकता है. फौरन यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एक बयान जारी करके कहा कि कैंपस अस्थाई तौर पर बंद रहेगा. दूसरी तरफ इस मामले को लेकर कई एफआईआर भी दर्ज कर दी गई हैं.