Maharashtra Politics: महाराष्‍ट्र में अगले तीन महीनों के भीतर विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. शिवाजी की प्रतिमा गिरने से लेकर वहां तमाम मुद्दों पर भारी सियासी उथल-पुथल मची हुई है. इस बीच कई नेता चुनावों से पहले पालाबदल के लिए भी तैयार हैं. कई तो काफी पहले ही दूसरी पार्टी में शिफ्ट होने का मंसूबा पाले बैठे हैं लेकिन वहां से ग्रीन सिग्‍नल ही नहीं मिल रहा है. ऐसा ही एक नाम एकनाथ खडसे का है. 


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एकनाथ खडसे कभी महाराष्‍ट्र में भाजपा के दिग्‍गज नेता हुआ करते थे लेकिन देवेंद्र फडणवीस से नाराजगी के कारण पार्टी छोड़कर शरद पवार के साथ चले गए थे. अब वो फिर से बीजेपी में वापसी के लिए इच्‍छुक हैं लेकिन उनका मामला कहीं न कहीं अटका पड़ा है. महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे ने भाजपा में शामिल होने के लिए औपचारिक स्वीकृति को लेकर इंतजार कराए जाने पर सोमवार को निराशा व्यक्त की. 


उत्तर महाराष्ट्र के कद्दावर नेता खडसे ने कहा कि कुछ महीने पहले भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने उनका पार्टी में स्वागत किया था. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का नाम लिए बिना खडसे ने कहा, ‘‘लेकिन कुछ लोगों के विरोध के कारण औपचारिक सार्वजनिक घोषणा नहीं हो सकी.’’ खडसे (72) ने जलगांव में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि ऐसी स्थिति में भाजपा में बने रहना ठीक नहीं है. मैं कुछ और दिन इंतजार करूंगा और फिर कोई फैसला लूंगा.’’


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खडसे ने कहा, ‘‘मैं अभी भी शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का सदस्य हूं और उसका विधायक भी हूं. मैंने उस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था लेकिन पवार ने मेरा इस्तीफा स्वीकार नहीं किया और मुझे विधायक बने रहने को कहा.’’


देवेंद्र फडणवीस से मतभेद
भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस और पार्टी के उत्तर महाराष्ट्र के प्रभारी गिरीश महाजन के साथ मतभेदों के कारण खडसे ने अक्टूबर 2020 में भाजपा छोड़ दी थी और शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी में शामिल हो गए थे. वर्ष 2020 में पवार के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल होने के बाद खडसे ने फडणवीस पर ‘‘उनके जीवन और राजनीतिक करियर को नष्ट करने की कोशिश’’ करने का आरोप लगाया था.


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खडसे अन्य पिछड़ा वर्ग लेवा-पाटिल समुदाय से हैं. वह जलगांव जिले के मुक्ताईनगर से हैं और माना जाता है कि उत्तर महाराष्ट्र-खानदेश क्षेत्र में उनका प्रभाव है. खडसे ने छह बार मुक्ताईनगर विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की. उनकी पुत्रवधू रक्षा खडसे ने रावेर से 2014, 2019 और 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की और अब वह केंद्रीय राज्य मंत्री हैं.


(इनपुट: एजेंसी भाषा के साथ)


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