वो कौन सा वादा था जो शिंदे ने किया और निभाया नहीं? शिवसेना MLA ने आखिरकार दिखाई बगावत
Eknath Shinde: फिलहाल नरेंद्र भोंडेकर का इस्तीफा शिवसेना और एकनाथ शिंदे के लिए पहला झटका है. लेकिन ऐसा भी हो सकता है कि पार्टी में अन्य असंतुष्ट नेताओं को भी इससे बल मिलेगा और अपनी बात रखेंगे. देखना है शिंदे इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं.
Narendra Bhondekar News: उधर महाराष्ट्र में महायुति सरकार के कैबिनेट विस्तार हुआ, इधर शिवसेना के भीतर बगावत की चिंगारी देखने को मिल गई. रविवार को देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाले मंत्रालय में 16 नए चेहरे शामिल किए गए, लेकिन भंडारा से शिवसेना विधायक नरेंद्र भोंडेकर को जगह नहीं मिली. इससे नाराज होकर भोंडेकर ने शिवसेना के उपनेता और विदर्भ क्षेत्र के समन्वयक पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर आरोप लगाया कि उन्होंने चुनाव के समय मंत्री पद देने का वादा किया था, जिसे अब पूरा नहीं किया गया.
भोंडेकर ने क्यों दिया इस्तीफा?
असल में नरेंद्र भोंडेकर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह भंडारा जिले के संरक्षक मंत्री बनने के हकदार हैं. उन्होंने जिले के विकास के लिए काम करने की इच्छा जताई और इसे मंत्री पद से जोड़ा. भोंडेकर का मानना है कि उन्हें पार्टी में किए गए वादे के अनुसार कैबिनेट में स्थान मिलना चाहिए था. लेकिन जब उन्हें नजरअंदाज किया गया, तो उन्होंने पार्टी से जुड़े सभी पदों से इस्तीफा देने का कठोर निर्णय लिया.
शिंदे पर लगाए आरोप.. हुई वादाखिलाफी
भोंडेकर ने सीधे तौर पर मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान शिंदे ने उन्हें मंत्री पद देने का वादा किया था. लेकिन कैबिनेट विस्तार के समय उन्हें नजरअंदाज किया गया, जिससे उनकी निराशा चरम पर पहुंच गई. उन्होंने यह भी कहा कि वह तीन बार विधायक रह चुके हैं और उनका अनुभव उन्हें इस पद के योग्य बनाता है.
आखिर कौन हैं नरेंद्र भोंडेकर?
नरेंद्र भोंडेकर भंडारा से तीसरी बार विधायक बने हैं. पहली बार 2009 में अविभाजित शिवसेना के टिकट पर विधायक बने थे. 2019 में पार्टी से टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. 2022 में शिवसेना में बगावत के दौरान उन्होंने एकनाथ शिंदे का समर्थन किया, जिसके बाद उन्हें 2024 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने टिकट दिया. इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस की पूजा गणेश ठाकुर को हराकर 1,27,884 वोट हासिल किए थे. भोंडेकर अपनी सादगी और विकास कार्यों के लिए जाने जाते हैं और क्षेत्र में उनकी छवि एक लोकप्रिय नेता की है.