गाजियाबाद: पूर्वी दिल्ली की सीमा पर किसान आंदोलन का केंद्र बने गाजीपुर बॉर्डर इलाके में बिजली काट दी गई है. यहां किसानों का जमावड़ा है. इस पूरे इलाके में अचानक पुलिस फोर्स बढ़ा दी गई. दिल्ली में किसानों के बवाल के बाद लाल क़िले को बंद कर दिया गया है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के एक आदेश के मुताबिक लाल क़िला 27 जनवरी से 31 जनवरी तक आगंतुकों के लिए बंद रहेगा. हालांकि आदेश में इसके पीछे के कारण का उल्लेख नहीं है, लेकिन इसमें छह जनवरी और 18 जनवरी के पुराने आदेशों का उल्लेख किया गया है जिसके तहत प्रतिष्ठित स्मारक को बर्ड फ्लू अलर्ट के कारण 19 जनवरी से 22 जनवरी तक बंद कर दिया गया था.


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लाल किला गणतंत्र दिवस समारोह के चलते 22 जनवरी से 26 जनवरी तक बंद था. सूत्रों ने कहा कि 27 जनवरी को इसे आगंतुकों के लिए खोला जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. सूत्रों ने बताया कि 26 जनवरी को लाल क़िला परिसर में भड़की हिंसा के बाद एएसआई ने नुकसान का जायजा लेने के लिए गेट बंद रखने का फैसला लिया है. इससे पहले बुधवार को संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल ने घटना स्थल का दौरा कर एएसआई से घटना की रिपोर्ट मांगी है.


हिंसा की वजह से किसानों ने टाली संसद मार्च की योजना


गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर ट्रैक्टर परेड (Tractor Parade) में हुई हिंसा के बाद किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest) पर सवाल उठाए जा रहे हैं. हिंसा को लेकर देश भर में गुस्से का माहौल है साथ ही किसान संगठनों में भी बिखराव नजर आ रहा है. दो किसान संगठनों ने इस आंदोलन से खुद को अलग कर लिया है. किसानों ने अपना संसद मार्च (Parliament March) भी टाल दिया है. बता दें कि कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने 1 फरवरी को संसद मार्च करने का ऐलान किया था जिसे अब टाल दिया गया है. बता दें कि इसी दिन लोक सभा में आम बजट (Budget) पेश किया जाना है. 


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शहीद दिवस पर किसान देभ भर में निकालेंगे रैलियां


भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisan Union) के नेता बलबीर राजेवाल ने कहा कि कल ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के कारण 1 फरवरी को होने वाले संसद मार्च को हमने स्थगित कर दिया है. उन्होंने कहा, 'शहीद दिवस पर हम किसान आंदोलन की ओर से पूरे भारत में सार्वजनिक रैलियां करेंगे. हम एक दिन का उपवास भी रखेंगे.' 


Farmers Protest: ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के बाद किसान संगठनों में बिखराव, टल गया संसद मार्च


हिंसा फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा: दिल्ली पुलिस


दिल्ली पुलिस ने बुधवार को आरोप लगाया कि मंगलवार को ट्रैक्टर परेड के दौरान किसान नेताओं ने भड़काऊ भाषण दिए और हिंसा में भी शामिल रहे. उन्होंने भरोसा दिलाया कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. गौरतलब है कि इन घटनाओं में दिल्ली पुलिस के 394 कर्मी घायल हुए. संवाददाता सम्मेलन के दौरान दिल्ली के पुलिस आयुक्त एस. एन. श्रीवास्तव ने कहा कि किसान यूनियनों ने ट्रैक्टर परेड के लिए तय शर्तों का पालन नहीं किया, परेड दोपहर 12 बजे से शाम पांच बजे के बीच होनी थी। उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा शर्तों का पालन नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने अत्यंत संयम बरता और कोई जनहानि नहीं हुई है. श्रीवास्तव ने बताया कि अभी तक 25 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं.