Electricity Employees Strike in UP: यूपी में करीब 1 लाख बिजली कर्मचारी 72 घंटे की हड़ताल (UPPCL Strike) पर हैं. बिजली संकट (Bijli Sankat) की वजह से कई शहरों में बिजली गुल (Electricity cut) है. ऐसे में बेहाल जनता कई जगहों पर सड़कों में उतरी और लोगों ने जल्द से जल्द बिजली की आपूर्ति कराने की मांग की है. इस बीच किल्लत (Power crisis) से परेशान लोगों ने राज्य सरकार तो चेतावनी देते हुए कहा है कि हर हाल में जल्द से जल्द बिजली की सप्लाई शुरू करवाई जानी चाहिए. बिजली संकट (Electricity Crisis) की वजह से मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री तक अपने अपने स्तर पर डैमेज कंट्रोल कर रहे हैं लेकिन फिलहाल अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है.


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सरकार ने लिया एक्शन


यूपी में बिजलीकर्मियों की हड़ताल पर हाईकोर्ट के सख्त होने के बाद अब यूपी सरकार ने भी कड़ा एक्शन लिया है. सरकार ने कई जिलों में तैनात सैकड़ों आउटसोर्सिंग संविदाकर्मियों की सेवा समाप्त कर दी है. इसके साथ ही कर्मचारी उपस्थित नहीं करा पाने पर 7 एजेंसियों पर केस दर्ज किया गया है. कई बिजली कर्मचारियों के खिलाफ नामजद एफआईआर की गई है. वहीं काम नहीं करने वालों पर तत्काल FIR दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं. जिन एजेंसियों पर FIR हुई है उन्हें प्रतिबंधित भी किया गया है.


संकट गहराने के आसार!


उत्तर प्रदेश में बिजली संकट आ गया है और इसके बढ़ने की आशंका है. कई शहरों और गावों में बिजली की आपूर्ति बाधित है. निजीकरण और सेवा शर्तों में कटौती के विरोध में बिजली कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति झुकने को तैयार नहीं है. इस बीच बिजली विभाग के कर्मचारियों ने जेल भरो आंदोलन की चेतावनी दी है. 


जनता ने दी चेतावनी


हालांकि इस बीच सरकार मुस्तैदी से फैसले ले रही है. वहीं बिजली विभाग के जो इंजीनियर और कर्मचारी हड़ताल में शामिल नहीं हैं वो युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं. ऐसे में बिजली व्यवस्था पूरी तरह से सामान्य करने की कोशिशें लगातार जारी है. इस बीच परेशान लोगों का कहना है कि चाहे नए लोगों को बिजली विभाग में नौकरी दी जाए या किसी को निकाल दिया जाए, उन्हें जल्द से जल्द बिजली सप्लाई मिलनी चाहिए.


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