Supreme Court on VVPAT-EVM verification: चुनावों के दौरान ईवीएम (EVM) के जरिए डाले गए वोटों के साथ वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों का मिलान करने के निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट फैसला सुना सकता है. पिछले गुरुवार को सर्वोच्च अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. जिसके बाद मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से जुड़ी आशंकाओं को खारिज करते हुए लोगों को विश्वास दिलाया कि उनका वोट सुरक्षित है. उन्होंने कहा था कि ईवीएम शत-प्रतिशत सुरक्षित हैं क्योंकि बड़ी मात्रा में तकनीकी, प्रशासनिक और प्रक्रियात्मक सुरक्षा मानक अपनाए गए हैं. 


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मामले में अबतक क्या कुछ हुआ


मतदाताओं की चुनावी प्रणाली में संतुष्टि और भरोसा के महत्व को रेखांकित करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा था कि वे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की प्रभाविता पर संदेह नहीं करें और अगर निर्वाचन आयोग अच्छा काम करता है तो उसकी सराहना करें. याचिकाकर्ताओं ने मतपत्रों के जरिए मतदान की व्यवस्था की ओर वापस लौटने का निर्देश देने का अनुरोध किया था. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने EVM के जरिए डाले गए मतों का वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) के साथ पूर्ण मिलान की मांग वाली विभिन्न याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा था कि हर चीज पर संदेह करना एक समस्या है.


क्या है वीवीपैट?


वीवीपैट एक स्वतंत्र वोट सत्यापन प्रणाली है जिसके तहत मतदाता देख सकते हैं कि उनका वोट सही तरीके से डाला गया है या नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी उस समय की जब याचिकाकर्ता गैर-सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने वीवीपैट मशीनों पर पारदर्शी कांच को अपारदर्शी कांच से बदलने के आयोग के 2017 के फैसले को उलटने की मांग की है, जिसके जरिए कोई मतदाता केवल 7 सेकंड के लिए रोशनी चालू होने पर ही पर्ची देख सकता है. तब भूषण ने कहा था कि मैं समझता हूं कि चुनाव एकदम नजदीक है. ऐसे में जल्द हमारी मांग पर अदालत को जल्द फैसला देना चाहिए.


मॉक पोल’ में EVM में 1 अतिरिक्त वोट दर्शाने की खबरें गलत: EC


सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि केरल के कासरगोड में मतदान के अभ्यास के दौरान ‘इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन’ (ईवीएम) में एक अतिरिक्त वोट दिखने के आरोप झूठे हैं. 


ईवीएम पर संदेह करना गलत: CEC


CEC ने EVM पर संदेह जताए जाने संबंधी सवाल पर कहा, ‘ये शत प्रतिशत सुरक्षित हैं. सम्माननीय अदालत में भी इस विषय को उठाया गया है. हम फैसले का इंतजार कर रहे हैं. मशीन में कुछ नहीं किया जा सकता. हर स्तर पर राजनीतिक दल और उनके उम्मीदवार शामिल रहते हैं. देशभर में ‘मॉक पोल’ किए गए हैं. ’


सीईसी ने ये भी कहा था कि मतदान का आनंद लीजिए. यह मतदान का आनंद उठाने का समय है, किसी चीज पर संदेह करने का नहीं. आपका वोट सुरक्षित है और आपके वोट के तौर पर ही दर्ज होगा. आयोग ने बेहतर मतदान प्रतिशत सुनिश्चित करने के लिए काफी हद तक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया है’


लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत 26 अप्रैल शुक्रवार को मतदान होगा. दूसरे फेज में 13 राज्यों की 89 सीटों पर वोटिंग होगी. असम की पांच, बिहार की पांच, छत्तीसगढ़ की तीन, जम्मू-कश्मीर की एक और कर्नाटक की 14 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. इसके अलावा केरल की सभी 20 सीटों पर 26 अप्रैल को ही मतदान होगा. मध्यप्रदेश की सात, राजस्थान की 13, महाराष्ट्र की 8, त्रिपुरा की एक और उत्तर प्रदेश की 8 लोकसभा सीटों के लिए भी दूसरे चरण में वोट डाले जाएंगे. पश्चिम बंगाल में तीन सीटों पर वोटिंग होगी.