Target Killing in Kashmir: देश में इस वक्त कश्मीरी पंडितों की हत्या के कई मामले सामने आ रहे हैं. खबरें हैं कि आतंकी कश्मीर क्षेत्र के अंदर ढूंढ-ढूंढ कर हिंदुओं की हत्या कर रहे हैं. बीते कुछ दिनों में ऐसे मामलों में तेजी देखी गई है. इस मंजर को देखने के बाद फिर से वही सवाल गहराने लगा है कि क्या कश्मीरी पंडितों के लिए कश्मीर सुरक्षित नहीं है?


क्या लौट रहा 90 का दौर?


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दरअसल यह सवाल उस पुराने इतिहास से खड़ा होता है जिसे कि देश पहले ही देख चुका है. 90 के दौर में भी कुछ ऐसा ही हुआ था. जब कश्मीर से पंडिंतों को चुन-चुन कर मारा और भगाया गया था. हाल ही में आई फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' भी ऐसे ही कुछ तथ्यों को दर्शाती है. 


फिर से शुरू होगा पलायन?



खास बात ये है कि राहुल भट्ट की हत्या के बाद एक बार फिर घाटी में रह रहे हिंदुओं ने पलायन की चेतावनी दे दी है. कश्मीरी हिंदुओं का कहना है कि वे कल से पलायन शुरू करेंगे. बता दें कि इस समय कश्मीरी पंडितों को अपनी जान का डर है. 



मई महीने में ही टारगेट किलिंग के 7 मामले


उल्लेखनीय है कि मई महीने में आतंकवादियों ने 7 टारगेट किलिंग को अंजाम दिया था. सबसे पहले आतंकवादियों ने 12 मई को राहुल भट्ट नाम के कश्मीरी पंडित की हत्या की थी. इसके बाद 25 मई को आर्टिस्ट अमरीन भट्ट को भी मौत के घाट उतार दिया था. इसके अलावा तीन ऑफ ड्यूटी पुलिसकर्मियों की भी आतंकियों ने हत्या कर दी थी. यह हत्याएं लगातार तेज होती जा रही हैं.


CJI को लिखा पत्र



इस बीच अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने CJI एन वी रमन्ना को इस मामले में पत्र लिखा है. इस पत्र में हिंदू अल्पसंख्यकों को सुरक्षा मुहैया कराने की बात कही गई है.


TV News पर पहली बार, इतिहास के पन्नों का पुनर्जन्म


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