Nandini Gupta: मिस इंडिया नंदिनी गुप्ता ने बुधवार को कोटा के एक कोचिंग सेंटर में मेडिकल और इंजीनियरिंग के छात्रों से 25 मिनट के लंबे सत्र में बातचीत की. छात्रों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कोटा जैसे शहर से मुंबई जाकर अपने सपनों को साकार करने की कोशिश करना आसान नहीं था. लेकिन अपने माता-पिता के सहयोग से मैंने अपने सपने को साकार किया. मैं 9वीं में मैथ्स में फेल हो गई थी, 70 में से 15 अंक मिले. मैं निराश थी. शिक्षकों ने मुझे पढ़ाई जारी रखने के लिए कहा और मैंने उनकी बात मानी. मैंने प्रबंधन में दूसरा स्थान प्राप्त किया. अब मिस इंडिया बन गई हूं.


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उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा : अपने सपने को एक जुनून बना लें. उस पर काम करें. अपनी पूरी कोशिश करें. अपना लक्ष्य निर्धारित करें, तभी आप इस तरह के मुकाम को हासिल कर पाएंगे. पृष्ठभूमि मायने नहीं रखती.


नंदिनी ने आगे कहा : मैं हाड़ौती से हूं, इसलिए मुझे हिंदी के साथ-साथ हाड़ौती भी अच्छी तरह बोलनी आती है, लेकिन अंग्रेजी भाषा में मेरी कमजोरी सबसे बड़ी समस्या थी. मैंने अपनी अंग्रेजी में सुधार किया. अब एक नए सफर की शुरुआत है. चुनौतियों से डरो मत. संघर्ष करो. माता-पिता और शिक्षकों की सुनें. हमें पता होना चाहिए कि मौके को कैसे भुनाना है. यह पूछे जाने पर कि क्या वह बॉलीवुड में जाने के लिए तैयार हैं, उन्होंने कहा : अगर मुझे मौका मिलता है, तो मैं करूंगी.


जब उनसे उनकी प्रेरणा के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा : मैंने 10 साल की उम्र में फिल्म 'देवदास' देखी थी. मैंने अपनी मां से ऐश्वर्या राय के बारे में पूछा. उन्होंने मुझे बताया कि वह मिस वल्र्ड थीं. यही मेरा सपना था. उन्होंने आगे कहा, मेरी मां मेरी प्रेरणा थीं. उन्होंने मेरा आत्मविश्वास नहीं जाने दिया. पापा हमेशा मेरे साथ थे. बुधवार सुबह नंदिनी भांडाहेड़ा गांव पहुंचीं. ढोल-नगाड़ों की आवाज पर वह ट्रैक्टर पर सवार होकर गांव में दाखिल हुईं. इसके बाद स्थानीय लोगों और बच्चों ने उनका अभिनंदन किया. महिलाओं के साथ राजस्थानी गानों पर डांस भी किया.


(एजेंसी इनपुट के साथ)