नई दिल्‍ली:  किसान आंदोलन (Farmers Protest)  के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक और याचिका दायर की गई है. इस याचिका में किसानों को बॉर्डर से हटाने की मांग की गई है. याचिका में शाहीन बाग (Shaheen Bagh)  पर कोर्ट के फैसले का  हवाला दिया गया है.  


आंदोलन से हर दिन 3500 करोड़ रुपये का नुकसान


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

याचिकाकर्ता ऋषभ शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में हलफनामा दायर कर कहा है कि आंदोलन (Farmers Protest) की वजह से हर दिन 3500 करोड़ का रुपये का नुकसान हो रहा है.  इसलिए किसानों को बॉर्डर से हटाया जाए.


याचिका में ये भी कहा गया है कि रास्ता जाम कर प्रदर्शन करना शाहीन बाग मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  के जारी किए गए दिशा निर्देशाें के खिलाफ है.



बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने पिछले अंतरिम आदेश में कहा था कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण होना चाहिए लेकिन प्रदर्शनकारियों ने मोबाइल टॉवर को नुकसान पहुंचाया. वहीं, किसान आंदोलन पर इससे पहले दी गई याचिकाओं पर 11 जनवरी को सुनवाई होनी है. 


BJP का मिशन बंगाल! समझें, क्या है 'एक मुट्ठी चावल' कार्यक्रम


आठवें दौर की बातचीत भी रही बेनतीजा


केंद्र सरकार और किसानों के बीच आठवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही है.  बैठक में हिस्सा लेने वाले किसान नेता जहां कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े रहे तो वहीं, सरकार की तरफ से कहा गया कि वो कानूनों में संशोधन के लिए तैयार है, लेकिन इन्हें रद्द नहीं किया जाएगा. 


अब सरकार और किसान संगठनों के बीच अगली वार्ता 15 जनवरी को होगी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट में 11 जनवरी को इस मामले पर सुनवाई होनी है. यानी अब ये पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट की तरफ जाता हुआ दिख रहा है. 


दरअसल, सरकार ऐसा चाहती है कि अब सुप्रीम कोर्ट ही इस मामले में बीच का रास्ता निकाले और किसान चाहते हैं कि कानून सरकार लाई है, इसलिए इस पर फैसला भी उसी का हो और इन तीनों कानूनों को वापस लिया जाए.