नई दिल्ली: अपनी मांगों को लेकर बीते 9 दिनों से दिल्ली बॉर्डर (Delhi Border) पर बैठे पंजाब और हरियाणा (Punjab And Haryana) के किसानों ने भारत बंद का ऐलान कर दिया है. आंदोलनरत किसानों ने कहा कि कल हमने सरकार को साफ कह दिया था कि कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और नए कानून बनाए जाएं. शुक्रवार को किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikat) ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों के विरोध में 8 दिसंबर को एक दिवसीय भारत बंद का आह्वान किया गया है. 



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संयुक्त किसान मोर्चा के हरिंदर सिंह लखोवाल (Harinder Singh Lakhowal) ने कहा कि 5 दिसंबर की बैठक में अगर सरकार हमारी बातें नहीं मानती है तो हम 8 दिसंबर को भारत बंद करेंगे. लखोवाल ने कहा कि देशभर का किसान दिल्ली आने को तैयार. उन्होंने कहा कि पंजाब के सभी किसानों के साथ देशभर के किसानों की मींटिग हुई है. जिसमें यह तय किया गया है कि अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो भारत बंद करेंगे. उन्होंने कहा कि हम इस कानून को वापस करा कर ही धरना खत्म करेंगे. 


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किसानों ने तैयार किया प्लान
लखोवाल ने कहा कि 5 दिंसबर को सरकार के पुतले फूंके जाएंगे. 7 तारीख को मेडल वापस किए जाएंगे. 8 तारीख को पूरा देश बंद करने का प्लान है. उन्होंने कहा सभी नाके बंद किए जाएंगे. यह हमारी लंबी लड़ाई है. सरकार विधानसभा सत्र बुलाए और इन कानूनों को रद्द करे.  


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कृषि कानूनों को बताया कोरोना से भी बड़ी बीमारी
किसान नेता ने कहा कि ये तीनों कृषि कानून किसानों के लिए कोरोना से भी बड़ी बीमारी हैं. उन्होंने कहा लड़ाई आर-पार की होगी, पीछे हटने का कोई सवाल ही नहीं है. 


किसान बोले- संशोधन स्वीकार नहीं
लखोवाल ने कहा कि सरकार की साजिश है कि इस आंदोलन को पंजाब तक सीमित किया जाए. उन्होंने देशभर के किसानों से अपील की कि अपने घरों से निकलें और सरकार के खिलाफ हमारा साथ दें. उन्होंने बताया कि आज की बैठक में यह तय हुआ है कि हम इस आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे, कानूनों में कोई सशोंधन स्वीकार नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि ये कानून जनविरोधी हैं. उन्होंने कहा कि कल पूरे बंगाल में रास्ता रोको आंदोलन होगा. बिहार और ओडिशा मे भी आंदोलन होगा.