Farmers Protest: चक्का जाम पर आया राकेश टिकैत का बयान, जो नहीं आ पा रहे उन्हें दिया ये संदेश
6 Feb Chakka Jaam: नए कृषि कानूनों (New Agriculture Laws) के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) पिछले 72 दिनों से जारी है और किसान लगातार तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं.
नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) 72 दिनों से जारी है. इस बीच किसानों ने 6 फरवरी को दोपहर 12 बजे से दोपहर तीन बजे तक चक्का जाम (Chakka Jaam) की घोषणा की लेकिन, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा है कि चक्का जाम का असर दिल्ली में नहीं होगा.
राकेश टिकैत ने की शांतिपूर्ण जाम की अपील
राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने समर्थकों से अपील की है कि जो लोग यहां नहीं आ पाए वो अपनी -अपनी जगहों पर कल चक्का जाम शांतिपूर्ण तरीके से करें. इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा था कि 6 फरवरी को देशभर में आंदोलन होगा और दोपहर 12 बजे से दोपहर तीन बजे तक किसान सड़कों को ब्लॉक भी करेंगे.
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'कई राज्यों में होगा चक्का जाम'
गाजीपुर बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसान नेता जगतार सिंह बाजवा ने कहा, 'देश के सभी राज्यों और जिलों के हाइवे पर कल (6 फरवरी) चक्का जाम किया जाएगा. दिल्ली में तो पहले से ही किसान बैठे हैं, इसलिए यहां चक्का जाम वाली स्थिति नहीं होगी. देश की अन्य जगहों पर 12 बजे से 3 बजे तक चक्का जाम की स्थिति रहेगी.'
72 दिनों से जारी है किसानों का प्रदर्शन
नए कृषि कानूनों (New Agriculture Laws) के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) पिछले 72 दिनों से जारी है और किसान लगातार तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी दी जाए और तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए.
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चक्का जाम पर दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की मीटिंग
दूसरी तरफ किसानों के चक्का जाम को लेकर दिल्ली पुलिस के सीनियर पुलिस अधिकारियों की पुलिस कमिश्नर के साथ मीटिंग चल रही है.
सरकार किसानों के लिए प्रतिबद्ध-कृषि मंत्री
किसान आंदोलन पर आज राज्य सभा में कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि सरकार किसानों के लिए प्रतिबद्ध है और इसी के साथ गांवों का विकास भी सरकार की प्राथमिकता है. कृषि मंत्री ने कहा कि कोरोना काल में से देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है और इस दौरान प्रधानमंत्री ने साहसिक फैसले किए हैं. देश के नागिरक लोकतंत्र की ताकत हैं.