नई दिल्ली: केंद्र के नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ पिछले 3 महीने से दिल्ली की सरहद पर आंदोलन कर रहे किसानों (Farmers Protest) को अब गर्मी सताने लगी है. इससे बचने के लिए किसान संगठनों ने सड़कों पर ही ईंट-सीमेंट के परमानेंट शेल्टर (Permanent Shelter) बनाने शुरू कर दिए हैं. इन ढांचों में कूलर-पंखे के इंतजाम के अलावा छत पर फूस भी डाली जा रही है. 


किसान सोशल आर्मी बना रही है टिकरी बॉर्डर पर शेल्टर


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टिकरी बॉर्डर पर परमानेंट शेल्टर बनाने का काम किसान सोशल आर्मी (Kisan Social Army) नाम का संगठन कर रहा है. इस संगठन से जुड़े अनिल मलिक ने कहा कि किसानों के दृढ़ इरादों की तरह ये परमानेंट शेल्टर (Permanent Shelter) भी मजबूत और स्थाई हैं. उन्होंने कहा कि सड़क पर ऐसे 25 घर बना दिए गए हैं. आने वाले वक्त में ऐसे करीब 2 हजार परमानेंट शेल्टर और बना दिए जाएंगे. 


 



शेल्टर में कूलर, पंखों और मटकों का इंतजाम किया गया


शेल्टर बना रहे लोगों के मुताबिक इनमें गर्मी से निपटने के लिए कूलर का इंतजाम किया गया है. वेंटिलेशन के लिए दोनों ओर ईंटों के झरोखे छोड़े गए हैं. छत पर फूस डाली जा रही है, जिससे सूरज की तपिश सीधे अंदर न पहुंचे. इसके अलावा शेल्टर के अंदर मटकों का भी इंतजाम किया जा रहा है, जिससे लोग ठंडा पानी पी सकें. 


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सिंघु बॉर्डर पर सड़क पर बनने लगे पक्के शेल्टर


टिकरी बॉर्डर की तरह सिंघु बॉर्डर पर भी किसान ईंट-सीमेंट वाले पक्के शेल्टरों (Permanent Shelter) का निर्माण कर रहे हैं. धरने पर बैठे बीकेयू नेता मंजीत सिंह राय कहते हैं कि गर्मी का मौसम शुरू हो गया है. अब किसान धूप में कैसे रहेंगे. उन्होंने कहा कि पंजाबियों की विरासत अच्छा खाने, अच्छा पहनने की होती है. इसलिए मकान बना रहे हैं. इनमें AC भी लगेंगे. उन्होंने कहा कि कल SHO का आया था कि मकान मत बनाओ लेकिन जब सरकार हमारी बात नहीं मानती तो हम भी उसकी बात नहीं मानेंगे.