Farmers Protest: KMP Expressway पर किसानों का चक्का जाम, टोल फ्री कराएंगे किसान
किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) का आज 100वां दिन है. इस बीच आज सुबह 11 बजे से लेकर शाम को 4 बजे तक किसान KMP Expressway (कुंडली-मानेसर-पलवल) पर जाम लगाएंगे. किसानों ने टोल प्लाजा फ्री कराने का भी ऐलान किया है.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों (New Farm Law) के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान आज (शनिवार) सुबह 11 बजे से लेकर शाम के 4 बजे तक KMP Expressway (कुंडली-मानेसर-पलवल) जाम करेंगे. दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) को 100 दिन हो गए हैं. 26 नवंबर को किसान आंदोलन की शुरुआत हुई थी. सिंघु बॉर्डर से किसान कुंडली पहुंचकर एक्सप्रेस वे का रास्ता ब्लॉक कर देंगे. इसके अलावा, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर से किसान क्रमश: डासना और बहादुरगढ़ टोल प्लाजा को ब्लॉक करेंगे. शाजहांपुर बॉर्डर पर बैठे किसान गुरुग्राम-मानेसर को जाने वाले केएमपी एक्सप्रेस वे को ब्लॉक करेंगे.
टोल फ्री कराएंगे किसान
किसानों की योजना टोल प्लाजा (Toll Plaza) पर वाहनों को टोल फ्री कराने का है. किसानों ने यह भी कहा है कि बॉर्डर के सभी नजदीकी टोल प्लाजा पर भी प्रदर्शन किया जाएगा. गाजीपुर बॉर्डर पर तैनात भारतीय किसान यूनियन (BKU) के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने बताया, 'ये टोल प्लाजा शांतिपूर्ण तरीके से अवरुद्ध किए जाएंगे. इनसे राहगीरों को परेशानी नहीं होगी. हम राहगीरों के लिए पानी की व्यवस्था करेंगे. उन्हें कृषि कानूनों (Farm Law) के बारे में हमारे मुद्दों से भी अवगत कराया जाएगा.' राजवीर सिंह जादौन ने आगे कहा, 'आपातकालीन वाहनों को बिल्कुल भी नहीं रोका जाएगा, चाहे वह एम्बुलेंस हो या फायर ब्रिगेड या विदेशी पर्यटकों की गाड़ी हो. सैन्य वाहनों को भी इस दौरान नहीं रोका जाएगा.'
पीएम की 'गांरटी' के बाद भी आंदोलन जारी
बता दें, तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी समेत अन्य मांगों को लेकर 26 नवंबर से किसान आंदोलन (Farmers Protest) कर रहे हैं. मांगें पूरी होने तक घर न लौटने के फैसले पर अड़े हुए हैं. सरकार से तमाम दौर की वार्ता के बाद भी कोई हल नहीं निकला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सदन में खुद कह चुके हैं कि MSP था, है और रहेगा फिर भी किसान आंदोलन खत्म करने को तैयार नहीं हैं. आब तक 11 दौर की वार्ता असफल हो चुकी है.
जब आंदोलन की आड़ में हुआ उपद्रव
किसान आंदोलन के दौरान हालात तब बेकाबू हो गए जब 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के नाम पर दिल्ली में उपद्रव किया गया. उपद्रवी लाल किला तक पहुंच गए और वहां झंडा लगा दिया. आईटीओ, लाल किला, नांगलोई समेत दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में हुई हिंसा और उपद्रव के बाद पुलिस की सख्ती बढ़ गई. उपद्रवियों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए. एक के बाद एक कई गिरफ्तारियां भी हुईं. सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर के आंदोलन स्थल को बंद करने के लिए बैरिकेडिंग और कंटीले तार भी लगाए गए. अब एक बार फिर किसानों ने आंदोलन तेज करने का ऐलान किया है.