Priyanka Gandhi in Custody: दिल्ली पुलिस ने प्रियंका गांधी को हिरासत में लिया, राहुल गांधी बोले- देश में लोकतंत्र नहीं
Priyanka Gandhi in Custody: कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में पैदल मार्च कर रहीं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने गुरुवार को हिरासत में लिया.
नई दिल्ली: (Priyanka Gandhi in Custody) कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के विरोध में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को 2 करोड़ लोगों का हस्ताक्षर सौंपने जा रहे राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और अन्य कांग्रेसी नेताओं के मार्च को दिल्ली पुलिस ने रोक दिया. इस दौरान दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और अन्य कांग्रेस नेताओं को हिरासत में ले लिया. इसके बाद पुलिस प्रियंका गांधी समेत अन्य नेताओं को एक बस में बिठाकर ले गई. हालांकि थोड़ी देर बाद ही उन्हें छोड़ दिया गया.
राहुल गांधी ने केंद्र पर बोला हमला
बता दें कि किसानों के समर्थन में कांग्रेस (Congress) के सभी सांसद दिल्ली में विजय चौक (Vijay Chowk) से पैदल मार्च करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) से मिलने जा रहे थे. इस दौरान दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस नेताओं को रोक दिया, वहीं राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और सिर्फ दो नेताओं को राष्ट्रपति भवन जाने की अनुमति मिली. राहुल गांधी ने राष्ट्रपति से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा. इसके बाद राहुल गांधी ने कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार पर हमला जमकर बोला.
कानूनों को तुरंत वापस ले सरकार: राहुल
राहुल गांधी ने कहा, 'राष्ट्रपति से हमने कहा है कि इन कानूनों से किसानों को नुकसान होने वाला है. देश को दिख रहा है कि किसान कानून के खिलाफ खड़ा है. मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि किसान हटेगा नहीं, जब तक कानून वापस नहीं होगा तब तक कोई वापस नहीं जाएगा.' राहुल गांधी ने कहा, 'सरकार संसद का संयुक्त सत्र बुलाए और इन कानूनों को तुरंत वापस लें. राहुल ने कहा कि आज किसान दुख और दर्द में हैं, कुछ किसानों की मौत भी हुई है.'
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असंतोष को आतंकवादी तत्व बताया गया: प्रियंका
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने कहा, 'इस सरकार के खिलाफ किसी भी तरह के असंतोष को आतंकवादी तत्वों के रूप में वर्गीकृत किया गया है. हम किसानों के समर्थन में आवाज बुलंद करने के लिए यह मार्च कर रहे हैं.' उन्होंने कहा, 'जवान किसान का बेटा होता है, जो किसानों की आवाज ठुकरा रहा है और अपनी जिद्द पर अड़ा हुआ है, जबकि देश का अन्नदाता बाहर ठंड में बैठा है. इस सरकार के दिल में क्या जवान, किसान के लिए आदर है या सिर्फ अपनी राजनीति, अपने पूंजीपति मित्रों का आदर है?'
29 दिनों से किसान कर रहे हैं प्रदर्शन
बता दें कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) 29वें दिन भी जारी है और किसान लगातार कानूनों की वापसी की मांग कर रहे हैं. आंदोलनकारी किसानों और सरकार के बीच एक राय बनती नहीं दिख रही है. आंदोलन कर रहे किसानों ने स्पष्ट ऐलान किया है कि वो संशोधन नहीं चाहते और कृषि कानूनों की वापसी के बगैर चर्चा संभव नहीं है. इसके साथ ही किसानों की मांग है कि सरकार एमएसपी पर कानून बनाए. वहीं दूसरी ओर सरकार ये बताने की कोशिश में है कि नए कानून किसानों के हित में है और ज्यादातर किसान इसे समझते भी हैं.